छात्राओं से छेड़छाड़ करने वाले प्राध्यापक को मिली सजा, 538 लड़कियों ने लिखा था गुमनाम पत्र

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सिरसा: सीडीएलयू के मास कम्युनिकेशन विभाग के अनुबंधित प्राध्यापक राम मेहर आर्य को विश्वविद्यालय ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। राम मेहर आर्य के खिलाफ 538 छात्राओं से छेड़छाड़ का गुमनाम पत्र भेजने सहित अपने सहयोगी कर्मचारी और वरिष्ठ प्राध्यापकों के खिलाफ झूठी शिकायतें करने, सहयोगी महिला कर्मचारी से छेड़छाड, हाजिरी से छेड़छाड़ सहित छह शिकायतें थी। इसकी जांच सीडीएलयू ने पंजाब यूनिवर्सिटी के बिजनेस स्कूल के पूर्व चेयरमैन बीबी गोयल ने की थी।

38 पेज की जांच रिपोर्ट में ये सभी आरोप सत्य पाए गए और खराब वर्क एंड कंडक्ट के आधार पर वीसी विजय कुमार ने उसकी बर्खास्ती के आदेश चार सितंबर 2025 को जारी कर दिए। विश्वविद्यालय ने यह निर्णय शिक्षक दिवस से एक दिन लिया है। राम मेहर आर्य को बर्खास्ती का नोटिस जारी कर दिया गया है। साथ ही विश्वविद्यालय की साइट पर भी अपलोड कर दिया गया। राम मेहर आर्य के खिलाफ अलग अलग 6 मामलों की शिकायतें थी।

इसमें सबसे बड़ा मामला 2 जनवरी 2024 को कैंपस कालेज के एक प्रोफेसर पर छात्राओं से छेड़छाड़ के मामले का गुमनाम पत्र जारी करना था। यह गुमनाम पत्र केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार को भेजा गया। सरकार ने इस पर तत्कालीन आइपीएस दीप्ति गर्ग के नेतृत्व में एक एसआइटी बना दी। एसआइटी ने 538 छात्राओं और स्टाफ के बयान दर्ज किए। फुटेज में उसी दिन राम मेहर आर्य नेशनल कालेज के बाहर खैरपुर डाकघर में पत्र की रजिस्ट्री करते हुए पाया गया। अतिरिक्त सिक्योरिटी इंचार्ज ने भी सीसीटीवी में उसकी पहचान की गई ।