भिवानी: शिक्षिका मनीषा की मौत के मामले में सीबीआइ टीम दो दिन से भिवानी रेस्ट हाउस में डेरा डाले हुए है और मामले में पुलिस की अब तक हुई जांच की जांच कर रही है। वहीं स्वजन और ग्रामीणों को वीरवार को भी घर पर टीम के आने का इंतजार रहा। सीबीआइ टीम ने अभी तक स्वजन से संपर्क नहीं साधा है। शुक्रवार को टीम गांव जाकर स्वजन से मिल सकती है।
11 अगस्त को ढाणी लक्ष्मन गांव निवासी प्ले स्कूल की शिक्षिका मनीषा लापता हो गई थी। 13 अगस्त को सिंघानी गांव के खेतों में नहर किनारे मनीषा का शव मिला। गर्दन पर निशान देख स्वजनों ने हत्या की आशंका जताई। नागरिक अस्पताल में चिकित्सकों के बोर्ड से शव का पोस्टमार्टम करवाया गया। यहां स्वजनों ने शव लेने से इंकार कर दिया जिसके बाद स्वजनों की मांग पर पीजीआइ रोहतकम में 15 अगस्त को चिकित्सकों के बोर्ड ने पोस्टमार्टम किया।
इसके बाद दो दिन पूर्व मृतका मनीषा के पिता संजय कुमार इस मामले में जल्दी और सही जांच के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मिले थे। जहां मुख्यमंत्री ने उन्हें उचित जांच का आश्वासन दिया था। अब दो दिन से सीबीआइ टीम भी भिवानी आई हुई है पर अभी तक उनसे संपर्क नहीं किया गया है। इसे लेकर गांव में भी कई तरह की चर्चाए है। स्वजनों ने सीबीआइ जांच और एम्स दिल्ली में पोस्टमार्टम की मांग रखी। सरकार ने उनकी यह मांग भी मानी। जिसके बाद 21 अगस्त को गांव में ही गमगीन माहौल में शव का अंतिम संस्कार किया गया।
इस दौरान स्वजनों ने जांच अधिकारियों पर सवाल खड़े किए तो 15 अगस्त को सीएम नायब सैनी ने भिवानी एसपी मनबीर सिंह का ट्रांसफर कर दिया और लोहारू थाने के एसएचओ को लाइन हाजिर किया। चार पुलिस कर्मियों को सस्पेंड किया। सरकार ने स्वजनों की मांग पर मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी है। जांच का जिम्मा मिलने के बाद बुधवार को दिल्ली नंबर की दो गाड़ियों से छह सदस्यीय सीबीआइ टीम भिवानी रेस्ट हाउस पहुंची थी। पिछले दो दिन से सीबीआइ टीम रेस्ट हाउस में ही रहकर पूरे मामले को समझ रही।