हरियाणा: शिक्षा में AI का होगा उपयोग, चार चरणों के फेज में 9वीं से 12वीं तक का पाठ्यक्रम शामिल

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पंचकूला: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की बजट घोषणा को वास्तविक रूप देने के लिए शिक्षा विभाग ने अब अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. दरअसल, मुख्यमंत्री सैनी ने बजट में हरियाणा की शिक्षा व्यवस्था में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा की थी. इसके लिए हरियाणा शिक्षा विभाग अब नए शैक्षणिक सत्र के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी में है. विभाग द्वारा इस पहल को चार चरणों में लागू कर चार कक्षाओं, 9वीं से 12वीं तक को कवर किया जाएगा.

सरलता से समझ के लिए प्रशिक्षण

शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार एआई के माध्यम से टीचिंग के लिए एआई उपकरणों की मदद ली जाएगी. इससे पठन-पाठन अधिक सरल और व्यावहारिक बन सकेगा. इसके लिए सभी प्रकार की परेशानियों और उलझनों को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग करीब एक लाख टीचरों को प्रशिक्षण देगा. गौरतलब है कि इस पूरी प्रक्रिया को स्वयं हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा चेक कर रहे हैं. उन्होंने अधिकारियों को संबंधित कामकाज जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं.

जिला स्तरीय ट्रेनिंग कैंप

शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए 25 से 29 सितंबर तक जिला स्तरीय ट्रेनिंग कैंप आयोजित किया जाएगा. शिक्षक समूहों को जिलेवार एआई बुनियादी जानकारी, तकनीकी ज्ञान, प्रश्न पत्र संबंधी रूप-रेखा मूल्यांकन तकनीकों समेत अन्य पहलों संबंधी प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसमें आईटी एक्सपर्ट्स की टीम भी मदद करेगी. बताया गया कि 5 विषयों में 40-45 मिनट की अवधि में पढ़ाए जाने वाले एआई पाठ्यक्रम का मकसद छात्रों में रचनात्मकता, डाउट दूर करने, डिजिटल उपकरणों की हैंडलिंग और कम समय में तेजी से काम करने का कौशल बढ़ाना है. इससे उच्च शिक्षा पाने और नौकरियों के अधिक अवसर मिल सकेंगे. इसके लिए हरियाणा राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) ने टीचरों के लिए ट्रेनिंग मॉड्यूल विकसित किया है.

बेसिक नॉलेज से आगे की शिक्षा

 हरियाणा में फिलहाल तक केवल बुनियादी ई-सामग्री कौशल जैसे- ईमेल आईडी क्रिएट करना, इसे ऑपरेशन करना, अपलोडिंग-डाउनलोडिंग करना ही सीखा जा रहा है. लेकिन एआई के इस्तेमाल से शिक्षक अपनी कल्पना शक्ति से रचनात्मकता को बढ़ावा देते हुए इसे बेहतर उदाहरणों के साथ प्रस्तुत कर सकेंगे. एआई के इस्तेमाल से शिक्षक किसी भी सब्जेक्ट को सरलता से समझने के अलावा दैनिक शैक्षणिक कार्यों को कम समय में पूरा कर सकेंगे, इससे अधिक फोकस स्टूडेंट को शिक्षित करने पर रहेगा.