हरियाणा में बारिश के कारण उफान पर आई घग्घर और मारकंडा नदी अब भी डेंजर लेवल से ऊपर बह रहीं है। वहीं हथिनीकुंड बैराज पर यमुना के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है। मारकंडा नदी के जलस्तर में भी गिरावट आई है, लेकिन नदी अभी भी खतरे के निशान से 0.15 मीटर ऊपर बह रही है। मारकंडा नदी में जलस्तर बढ़ने पर कई गांवों में बाढ़ के हालात बने हुए है। फसलें तबाह हो चुकी है। पशुओं के लिए चारे का संकट खड़ा हो गया है।
वहीं घग्घर नदी के पानी ने भी कई गांवों में उत्पात मचाया हुआ है। कैथल में घग्गर के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। आज घग्गर का जलस्तर 23.4 फीट तक पहुंच गया है, जो डेंजर पॉइंट से 4 इंच ज्यादा है। शिक्षण संस्थानों में छुट्टियां की गई है। वहीं, घग्गर के साथ लगते गांवों में 24 घंटे के लिए जेसीबी व अन्य मशीनों पहुंचा दी गई हैं। कई जगह ओवरफ्लो होकर खेतों में पानी जाने लगा है। हथिनीकुंड बैराज का जलस्तर 1 लाख क्यूसेक से नीचे आ गया है। इस कारण फ्लड गेट डाउन किए गए हैं। हरियाणा में बारिश और नदियों के ओवरफ्लो होने से 2,748 गांव प्रभावित हैं।
कुरुक्षेत्र के शाहबाद में सुबह करीब साढ़े 5 बजे मारकंडा में 30 हजार 445 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया। रात तक पानी और कम होने के आसार हैं। गेज रीडर रविंद्र के मुताबिक, मारकंडा नदी से 5 से 6 सितंबर सुबह 5 बजे तक 6 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी कम हुआ है
खेत में मारकंडा का पानी खड़ा रहने से खेत दलदल बन चुके हैं। अभी 2 दिन में पानी कम होने के आसार है। जिला कुरुक्षेत्र में 22 हजार एकड़ से ज्यादा में फसलें प्रभावित हुई हैं। इनमें 5 हजार से ज्यादा एकड़ में फसलें पूरी तरह से डूब चुकी है।
सबसे बड़ी चिंता इस्माइलाबाद के नैसी गांव के टूटे तटबंध की है। यहां 2 जगह से तटबंध पहले ही क्षतिग्रस्त था, जिसे रिपेयर नहीं किया जा सका। 4 सितंबर की रात को तीसरी जगह से टूटे तटबंध से निकला पानी अंबाला के गांवों तक पहुंच गया है।सिरसा जिले के झोड़नाली गांव में घग्घर नदी के पुल का हिस्सा गिर गया।, जिस कारण 20 गांवों के लोगों की कनेक्टिविटी खत्म हो गई। शुक्रवार रात से ही यह रास्ता बंद है। यह इकलौता रास्ता था, जो झोड़नाली सहित 20 गांवों को सिरसा से जोड़ता था।