भिवानी में बाढ़ प्रभावित पशुओं को बीमारियों से बचाने के लिए टीमें गठित, पशुपालकों के लिए एडवाइजरी जारी

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भिवानीः पशुपालन एवं डेयरी विभाग की ओर से बाढ़ प्रभावित इलाके में पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए टीमों का गठन किया है. इसी कड़ी में भिवानी जिले में टीमों का गठन किया गया है. पशुपालन विभाग की टीमें प्रभावित इलाके में जाकर पशुओं की जांच और इलाज करेगी.

पशुओं के उपचार के लिए तत्पर रहें चिकित्सक

पशुपालन विभाग के चिकित्सक डॉ. विजय सनसनवाल ने बताया कि “उपनिदेशक रविन्द्र सहरावत के दिशा निर्देश पर अभियान चलाया जा रहा है. जिन क्षेत्रों में पानी भरा हुआ है, उन क्षेत्रों के पशु चिकित्सकों को आदेश दिए गए हैं कि वे टीमें पशुओं के उपचार के लिए तत्पर रहें और बीमार पशुओं के लिए दवाइयां इत्यादि का प्रबंध रखें. इंसानों की तरह पशुओं का भी बीमारी से छुटकारा दिलाना प्राथमिकता के आधार पर कार्य करना है.”

पशुओं को ऊंचे स्थान पर बांधे

 डॉक्टर विजय सनसनवाल ने पशुपालकों से अपील की है कि “वे पशुओं को सूखे में रखे. पशुओं के लिए सूखे चारे का प्रबंध करें. उनके बांधने के स्थान पर पानी न खड़ा हो. पशुओं को ऊंचे स्थान पर बांधे. पानी की वजह से पशुओं के खुर गल सकते है.”

ये समस्याएं दिखे तो तुरंत पशु का इलाज कराएं

पशु चिकित्सक डॉक्टर विजय सनसनवाल ने बताया कि “आजकल पशुओं में मक्खी-मच्छर की वजह से बहुत सी बीमारियां फैल सकती है, इसके लिए बाड़े में मच्छरदानी बांधकर रखे. पशुपालन विभाग पशुओं को कृमि रहित करने की दवाइयां उपलब्ध कराते हैं, उन्हें क्रम रहित करें.” उन्होंने कहा कि इन दिनों पशुओं में बुखार, न चरने, दूध कम होने जैसी दिक्कतें आ रही हैं. इसके लिए तुरंत पशु चिकित्सक से उपचार करवाएं.