हिसार जिले में पिछले आठ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। खेतों से लेकर रिहायशी इलाकों तक पानी भर चुका है, जिससे हालात गंभीर हो गए हैं। लगभग 200 गांवों की फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं, जबकि 20 गांवों की आबादी बाढ़ की चपेट में आ गई है।
प्रशासन ने एहतियात के तौर पर 71 स्कूलों को बंद करने के आदेश जारी किए हैं। जिले के कई इलाकों में नाले और ड्रेनेज सिस्टम खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं, जिसके कारण नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे पर भी जलभराव हो गया है। खासतौर पर हिसार-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे और राजगढ़ रोड पर लोगों को आवाजाही में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गंगवा गांव की ढाणियों में पानी भरने से कई परिवारों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा है।
रेल यातायात भी प्रभावित
राजगढ़ रेलवे ट्रैक के पास जलभराव के कारण ट्रेनों की गति 110 किमी/घंटा से घटाकर 20 किमी/घंटा कर दी गई है, जिससे रेल सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। हालांकि हालात की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, सांसद दीपेन्द्र हुड्डा और मंत्री रणबीर गंगवा ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया और राहत कार्यों का जायजा लिया।
रामगढ़ बस्ती से पलायन जारी
एचएयू स्थित रामगढ़ बस्ती में हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। यहां करीब 1500 मकानों में पानी घुस गया है, जिससे लोगों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। अब तक 8 परिवारों को जाट धर्मशाला में शिफ्ट किया गया है, जबकि अन्य लोगों को भी शहर के सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।