कैथल : जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों निर्माण कार्य के और सुस्त रवैए के चलते कागजों में ही दफन होकर रह गए हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से बच्चों व महिलाओं के लिए संचालित होने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों की इमारतें 5 साल से अधूरी पड़ीं हैं। हालात ऐसे हैं कि जिन इमारतों के लिए करोड़ों रुपए का बजट जारी हुआ था, उनमें से ज्यादातर अधर में लटकी पड़ी हैं। वहीं बजट की भारी राशि हर साल की तरह इस बार भी लैप्स हो गई। पिछले 5 सालों से अधूरी इमारतों पर न तो किसी ने ध्यान दिया और न ही बिजट का उपयोग किया गया। नतीजा यह हुआ कि इन भवनों में अब घास फूंस और झाड़ियां उग आई हैं।
कई जगहों पर बिना देखरेख के दीवारें जर्जर होने लगी हैं, जिससे यह पूरी तरह खंडहर में तबदील हो रही हैं। बता दें कि इस वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए जिले को आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण हेतु 2.3 करोड़ रुपए का बजट जारी हुआ था। इस राशि से 10 नई व 8 पुरानी आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण होना था, लेकिन कुछ अधिकारियों की ढिलाई के कारण 31 मार्च को 1.75 करोड़ रुपए लैप्स हो गए। 5 महीने बीत जाने के बाद भी सरकार से पुनः बजट वापस नहीं आया है, जिस कारण कुल 13 केंद्रों का काम फिलहाल अधर में लटका हुआ है, जबकि 5 का काम पूरा हो चुका है। इनमें से 3 का उद्घाटन पहले हो चुका है। इनके अलावा कम्प्लीट हो चुकी सीवन ब्लॉक के मांडी सदरा गुहला व के ब्लॉक के हंसू माजरा गांव आंगनबाड़ी केंद्रों का उद्घाटन 17 सितम्बर को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा किया जाएगा।
ठेकेदारों का भुगतान न होने से ठप्प पड़े काम
विभाग की डिमांड पर जारी बजट से इस साल जिले में कुल 10 नई आंगनबाड़ी केंद्र बनाने की योजना थी, लेकिन अब तक केवल 5 15 ही बिल्डिंगें पूरी हो पाई हैं। जिला परिषद के अनुसार अब तक इन पर सिर्फ 41 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। वहीं शेष आंगनबाड़ी भवनों का कार्य पेमैंट रुकने के कारण अधर में लटका हुआ है। जिन को टैंडर अलॉट किए गए थे, उनकी पिछले कई सालों से पेमैंट लंबित है। ठेकेदारों
इसी वजह से वे निर्माण कार्य पूरा नहीं कर रहे हैं। वहीं कुछेक नई आंगनबाड़ी केंद्रों का काम धीमी गति से चल रहा है। 1 मई को जिला परिषद द्वारा महानिदेशक पंचायत एवं विकास विभाग को पत्र लिखकर लैप्स हुई राशि को पुनः भेजने की मांग की गई थी, लेकिन अब तक यह बजट वापस नहीं मिला है।
आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण हमारी प्राथमिकता : सी.ई.ओ.
जिला परिषद सी.ई.ओ. सुरेश रवीश ने कहा कि जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण हमारी प्राथमिकता में है। बजट समय पर न आने ठेकेदारों के भुगतान में देरी के कारण कुछ बिल्डिंगै अधूरी पड़ी है। जिला और परिषद ने 1 मई को महानिदेशक पंचायत एवं 5 पंचायत एवं विकास विभाग को पत्र भेजकर लैप्स हुई राशि को दोबारा जारी करने की मांग की है। जैसे ही बजट प्राप्त होगा, अधूरी पड़ी सभी बिल्डिंगों का कार्य से पूरा करवाया जाएगा। मुख्यमंत्री जिन 2 आंगनबाड़ी केंद्रों का उद्घाटन करेंगे, वे पूरी तरह तैयार हैं और वहां बच्चों व महिलाओं के लिए सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। तेजी
जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों की अधूरी पड़ी
परियोजनाओं को लेकर आमजन भी सवाल उठाने लगे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार ओर से का बजट की ओर की से हर साल करोड़ों रुपए का बजट मिलीभगत से यह राशि समय पर उपयोग नहीं होती और लैप्स हो जाती है। नतीजा यह है कि गांवों में आंगनबाड़ी भवनों की बजाय जर्जर ढांचे खड़े दिखाई देते हैं। सरकार और प्रशासन को गंभीरता से कदम उठाने होंगे, ताकि विकास की योजनाएं केवल कागजों में ही न रह जाएं।
ये हैं 5 साल से अधूरी पड़ी बिल्डिंगें
ब्लॉक- गांव
- कैथल- कुतबपुर
- कैथल- भानपुरा
- कैथल- बटा
- गुहला- हरिगढ़
- गुहला- मंझेड़ी
- गुहला- कमहेड़ी
- गुहला- खरल
- पूंडरी- पाई
नई 10 आंगनबाड़ियों की ब्लॉक व गांव अनुसार प्रगति रिपोर्ट
ब्लॉक- गांव- कार्य
- पूंडरी- कौल- (पैडिंग)
- पूंडरी- जांबा- (कम्प्लीट)
- कलायत- ढूंढवा- (पैडिंग)
- कलायत- बाता- (कम्प्लीट)
- कलायत- खेड़ी शेरखां- (कम्प्लीट)
- कैथल- जसवंती- (पैडिंग)
- कैथल- रसूलपुर- (पैडिंग)
- गुहला- हसूमाजरा- (कम्प्लीट)
- सीवन- मंडी सदरा- (कम्प्लीट)
- गुहला- माजरी- (पैडिंग)
समय-समय पर भेजी जाती है नई बिल्डिंग बनाने की डिमांडः गुरजीत कौर
महिला एवं बाल विकास विभाग की डी.पी. ओ. गुरजीत कौर ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 10 नए आंगनबाड़ी केंद्रों का प्रस्ताव भेजा गया था। अभी तक 5 आंगनबाड़ी केंद्र पूरी तरह तैयार हो चुके हैं। मुख्यमंत्री सीवन ब्लॉक के मांडी सदरा व गुहला के हंसू माजरा आंगनबाड़ी केंद्रों का 17 सितम्बर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन करेंगे। बाकी केंद्रों के निर्माण कार्य बजट की उपलब्धता और भुगतान की प्रक्रिया पूरी होते ही तेजी से पूरे करवाए जाएंगे।