भूपेंद्र हुड्डा की मांग: 5200 गांव प्रभावित, हरियाणा को बाढ़ग्रस्त राज्य घोषित किया जाए

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चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने कहा है कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने जिस तरह बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है वह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। प्रति एकड़ मात्र 7 से 15 हजार मुआवजे का ऐलान किसानों के साथ भद्दा मजाक है, क्योंकि किसानों की खड़ी फसल बर्बाद हो गई है। उन्हें प्रति एकड़ करीब 1 लाख रुपए का नुकसान हुआ है।

आने वाली फसल के होने की भी उम्मीद नजर नहीं आती। यानी किसानों को पूरे 2 सीजन का घाटा हुआ है। बावजूद इसके सरकार खाद के खर्च से भी कम मुआवजे का ऐलान कर रही है। किसानों को कम से कम 50-60 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा मिलना चाहिए। हुड्डा मंगलवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान के साथ पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि बाढ़ के चलते किसानों की 14 लाख एकड़ फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं।

हजारों मकान में दरारें आई हैं। दुकानें, इमारतें व अन्य प्रतिष्ठान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। लोगों को भारी आर्थिक चोट पहुंची है। इन सबकी भरपाई के लिए उचित मुआवजे की आवश्यकता है जिसके लिए केंद्र सरकार को हरियाणा के लिए विशेष राहत पैकेज देने का ऐलान करना चाहिए। हुड्डा ने बताया कि उन्होंने खुद बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया है। आधे हरियाणा की स्थिति भयावह बनी हुई है। बावजूद इसके दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रदेश सरकार ने हरियाणा को बाढ़ प्रभावित स्टेट घोषित नहीं किया जबकि प्रदेश सरकार को इसे बाढ़ प्रभावित घोषित करके, केंद्र से पैकेज की मांग करनी चाहिए थी। क्योंकि राज्य के 5200 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं।