हिसार में बाढ़ का कहर, 276 गांव प्रभावित, सांसद जयप्रकाश ने सरकारी राहत पर उठाये सवाल

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हिसार: पूरे हरियाणा में लगातार बारिश और ड्रेनों के टूटने के कारण हिसार जिला भयंकर बाढ़ की चपेट में आ गया है.जिले के 276 गांवों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है, जिससे हजारों एकड़ में खड़ी फसलें नष्ट हो गई हैं. खेतों में दो से चार फुट तक पानी भरा हुआ है, और कई जगहों पर ग्रामीणों के घरों में भी पानी घुस गया है. हालात को देखते हुए जिला प्रशासन ने 101 सरकारी स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है.

डूब गई फसलें, किसानों का भारी नुकसान

 हरियाणा सरकार के ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अब तक 45,437 किसानों ने 2,85,702 एकड़ भूमि पर फसल नुकसान का पंजीकरण कराया है. सबसे अधिक प्रभावित गांवों में उकलाना, बरवाला, नलवा, हांसी, नारनौंद और हिसार विधानसभा क्षेत्र शामिल है. खेतों में औसतन दो से चार फुट तक पानी भरा हुआ है, जिससे धान, कपास, सब्जियों और अन्य फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है.

कांग्रेस सांसद ने सरकार पर साधा निशाना

 हिसार से कांग्रेस सांसद जयप्रकाश (जेपी) ने प्रभावित गांवों का दौरा कर हालात का जायजा लिया और सरकार द्वारा घोषित राहत पैकेज को अपर्याप्त बताया. उन्होंने कहा कि, “किसानों को प्रति किल्ला केवल 5,000 से 15,000 रुपये देना अन्याय है, जबकि कम से कम 70,000 रुपये प्रति किल्ला मुआवजा दिया जाना चाहिए.”

प्रभावितों के लिए की व्यवस्था

 नलवा के विधायक रणधीर पनिहार ने कहा, ” हमारे फार्महाउस को राहत केंद्र के रूप में खोला गया है, जहां बाढ़ प्रभावित लोग आकर रहने और खाने-पीने की सुविधा ले सकते हैं.”

मुआवजे की मांग

 वहीं, किसान सुभाष वर्मा ने भी सरकार से प्रति एकड़ एक लाख रुपये मुआवजे की मांग की है. साथ ही कहा कि, “गांवों में फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है और किसान कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे हैं.”

स्कूलों और कॉलोनियों में भरा पानी

जिले के दहिमा, आर्य नगर, गंगवा रोड, कैमरी रोड, चंद्रलोक कॉलोनी जैसे क्षेत्रों में जलभराव के कारण जनजीवन प्रभावित है. कई घरों की नींव में पानी भर गया है, जिससे भवनों को खतरा है. स्कूलों की बिल्डिंगों में भी पानी भरने के कारण 101 स्कूलों को बंद कर दिया गया है. वहीं, हांसी क्षेत्र की चार हजार एकड़ में लगी गोभी की फसल लगभग पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है.कई जगहों पर ड्रेनों के ओवरफ्लो होने से जलभराव की स्थिति बनी हुई है. प्रशासन द्वारा गांवों में पंप सेट लगाए गए हैं और मनरेगा के 300 से अधिक मजदूर जलनिकासी कार्यों में जुटे हैं.

उपायुक्त ने राहत कार्यों का लिया जायजा

इस बीच जिला उपायुक्त अनीश यादव ने आर्य नगर, लाडवा और दाहिमा गांवों में ड्रेन और जलनिकासी प्रबंधों का निरीक्षण किया. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अतिरिक्त श्रमिकों की सहायता से जलभराव की समस्या का तत्काल समाधान किया जाए. इस दौरान डीसी ने कहा कि, “फसल नुकसान का पंजीकरण 15 सितंबर तक किया जा सकता है. प्रभावित किसानों से अपील की गई है कि वे ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर समय रहते आवेदन करें.”

हेल्पलाइन नंबर जारी

 जिला प्रशासन ने किसी भी आपात स्थिति में मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 01662-231137 जारी किया है. कंट्रोल रूम 24 घंटे सक्रिय रहेगा और तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जाएगी.