जींद के 12 गांवों के किसानों का IMT के खिलाफ विरोध, बोले- “जमीन किसी कीमत पर नहीं देंगे”

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जींद : हरियाणा के जींद जिले में प्रस्तावित इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप (IMT) के लिए 12 गांवों के किसानों ने जाट धर्मशाला में एकत्रित होकर अपनी जमीन सरकार को देने से साफ इनकार कर दिया। किसानों ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सहमति के बिना उनकी जमीनों का पंजीकरण किया जा रहा है।

किसानों ने एक समाचार पत्र की खबर का हवाला दिया, जिसमें दावा किया गया कि हरियाणा सरकार को IMT के लिए 35,500 एकड़ जमीन की आवश्यकता है, जिसमें से 30,000 एकड़ का पंजीकरण कथित तौर पर किसानों की सहमति से हो चुका है। हालांकि, जींद के किसानों ने स्पष्ट किया कि उनकी सहमति नहीं ली गई, न ही उनके फोन पर कोई OTP प्राप्त हुआ और न ही उनसे इस विषय में कोई चर्चा की गई।

किसानों का कहना है कि उनकी जमीन छीनकर उनका रोजगार खत्म किया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार द्वारा भविष्य में रोजगार देने की गारंटी क्या है, क्योंकि जिन क्षेत्रों में पहले जमीन ली गई, वहां के युवाओं को रोजगार नहीं मिला।

किसानों ने बैठक में फैसला लिया कि वे 22 सितंबर को जींद के जिला उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपेंगे। इस ज्ञापन के जरिए वे अपनी मांगों को मजबूती से रखेंगे।

IMT के लिए जींद के 12 गांवों की जमीन लेने की योजना है, जिनमें अमरावली खेड़ा, अलेवा, ढाठरथ, ढिल्लूवाला, जामनी, हसनपुर, खरक गादियां, खांडा, मांडी खुर्द, नगूरां, मोहम्मद खेड़ा और गोहियां शामिल हैं। किसानों ने एकजुट होकर सरकार को चेतावनी दी है कि वे अपनी जमीन और आजीविका की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।