सोनीपत : हरियाणा के सोनीपत में एक अजीब ही मामला सामने आया है। यहां पर सांप ने एक व्यक्ति को काट लिया। सांप काटने पर व्यक्ति ने इलाज कराने से पहले सांप को पकड़ना उचित समझा। व्यक्ति ने सांप को पकड़कर कट्टे में बंद कर लिया। इसके बाद व्यक्ति इलाज कराने अस्पताल पहुंचा। उसने डॉक्टर के कमरे में मेज पर कट्टे को रख दिया और डॉक्टर से बोला इस कट्टे में मौजूद सांप ने मुझे काट लिया है।
आप बस इलाज कर दो। व्यक्ति की बात सुनते ही अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। इमरजेंसी से डॉक्टर कुर्सी छोड़कर भाग खड़े हुए। उन्होंने व्यक्ति को पहले सांप को बाहर छोड़ कर आने को कहा। इस पर जब कर्मचारी सांप को बाहर छोड़ने गया तो गेट पर कट्टे का मुंह खुल गया। सांप अस्पताल परिसर में बने मंदिर में घुस गया। इससे वहां भी अफरा-तफरी मच गई। रात तक भी सांप का पता नहीं चल सका था।
प्राप्त जानकारी अनुसार सोनीपत के लाल दरवाजा के निवासी 52 वर्षीय अनिल ने दिल्ली नगर निगम में सेनेटरी गार्ड की पोस्ट पर तैनात है। गुरुवार की देर रात सोनीपत की कोर्ट पुलिस चौकी के नजदीक अपने दोस्तों के साथ बैठा था। इस दौरान रात को करीब 8 बजे सांप ने उसे काट लिया। जैसे ही सांप ने हाथ पर काटा तो उसने बिना डरे दूसरे हाथ से सांप को उसकी मुंडी की तरफ से दबोच लिया।
अनिल ने बताया कि सांप को पकड़ने के बाद उसने वहीं पास की एक दुकान से प्लास्टिक का कट्टा लिया, जिसमें सांप को बंद कर लिया। इससे पहले उसने अपने हाथ पर प्लास्टिक की रस्सी बांध ली थी, जिससे जहर ज्यादा ना फैले। इसके बाद वह दोस्तों के कहने पर सोनीपत के सिविल अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचा।
अनिल ने आगे बताया कि वह इमरजेंसी में डॉक्टर के कमरे में गया। वहां तैनात डॉक्टर को बताया कि मुझे सांप ने काट लिया है, मेरा इलाज कर दो। डॉक्टर को यह भी कहा कि जिस सांप ने मुझे काटा है, उसको मैं इस कट्टे में बंद करके लेकर आया हूं। यह सुनते ही इमरजेंसी से डॉक्टर कुर्सी छोड़कर भाग खड़े हुए।
डॉक्टर के कहने पर अनिल जैसे ही सांप को बाहर छोड़ने के लिए निकला तो अचानक वह कट्टे से बाहर निकल गया और हॉस्पिटल की इमरजेंसी के गेट के सामने बने मंदिर में घुसने लगा। सांप को खुला देखकर वहां मौजूद लोगों में हड़कंप मच गया। लोग इधर-उधर भागने लगे। कुछ ही देर में सांप अस्पताल परिसर में चला गया।
सांप के चले जाने के बाद अनिल का नागरिक अस्पताल में इलाज शुरू किया गया। उसे पहले दो इंजेक्शन दिए गए हैं और इसके अतिरिक्त ग्लूकोज में भी इंजेक्शन देकर प्राथमिक सहायता दी गई। इसके बाद उसे रोहतक रेफर किया गया। डॉक्टरों के कहने के बावजूद अनिल रोहतक ना जाकर मुरथल स्थित एक सपेरे के पास चला गया और उसके बाद वहां से दवाई लेकर आया।