कलायत: कलायत में पावर ग्रिड योजना के तहत ई-भूमि पोर्टल पर किसानों की बोगस अनुमति का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। ई-भूमि पोर्टल पर फर्जी हस्ताक्षर एवं अंगूठों के इस्तेमाल से किसानों के पांव तले. जमीन खिसक गई है। इसमें बड़े कृषि रकवे, छोटे व सामान्य रकबे के मालिक किसान शामिल हैं। इस संबंध में किसानों ने पुलिस को शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की है। आरोप है कि कहीं न कहीं सुनियोजित साजिश के तहत एक नैटवर्क ने उनकी जमीन से संबंधित फर्जी सहमति पोर्टल पर दी।
विश्व हिंदू परिषद जिला उपाध्यक्ष बीरभान निर्मल, राजेश राणा व विभिन्न संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं ने कहा कि बड़ी संख्या में उनके सामने ऐसे किसान आए हैं जो उनके नाम से पोर्टल पर गलत तरीके से दस्तावेज अपलोड करने की शिकायत कर रहे हैं।इसमें असली की बजाय नकली हस्ताक्षर और अंगूठे लगाए गए हैं, इसलिए किसानों ने थाने में लिखित शिकायत दी है और फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। किसानों के नाम पर पोर्टल पर जो दस्तावेज मौजूद हैं उनमें कई जगहों पर एक ही व्यक्ति की लिखावट में हस्ताक्षर प्रतीत हो रहे हैं।
इसी प्रकार की स्थिति अंगूठे के हस्ताक्षर किए गए हैं। निशानों की है। कुछ ऐसे किसान हैं जो पढ़े-लिखे हैं उनके नाम पर अंगूठे का निशान लगाया गया है, जबकि जो निरक्षर हैं उनके नाम से अंग्रेजी में हस्ताक्षर लिए गए हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि दस्तावेजों की सिरे से छानबीन होनी चाहिए। इस मामले में किसानों ने किसी बड़े नैटवर्क के सक्रिय होने की आशंका जताई है। इसने न केवल सरकार, बल्कि किसानों के साथ बड़ा मजाक किया है। फायदा उष्ठाकर मुआवजा या भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में हेरा-फेरी कर रहा है।