छोटे करदाताओं के लिए बड़ा अवसर: ब्याज और जुर्माने में छूट, सीमित समय तक ही लागू स्कीम

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चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने छोटे करदाताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए वैट, सी.एस.टी. सहित सात अधिनियमों के अंतर्गत बकाया कर राशि के निपटान के लिए वन टाइम सैटलमेंट स्कीम, 2025 लागू की है। यह योजना 27 सितम्बर, 2025 को समाप्त हो जाएगी। बता दें कि इस योजना के तहत आज तक 97,039 करदाताओं ने लाभ उठाते हुए 712.88 करोड़ रुपए के बकाया कर का निपटान किया है।

विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह योजना 30 जून, 2017 तक की अवधि के लिए बकाया राशि पर लागू होगी। इसके अंतर्गत 7 अधिनियम शामिल हैं, जिनमें हरियाणा मूल्य वर्धित कर अधिनियम, 2003 (2003 का 6), केंद्रीय विक्रय कर अधिनियम, 1956 (1956 का केंद्रीय अधिनियम 74), हरियाणा सुख साधन कर अधिनियम, 2007 (2007 का 23), हरियाणा मनोरंजन शुल्क अधिनियम, 1955 (1955 का पंजाब अधिनियम का 16), हरियाणा साधारण विक्रय कर अधिनियम 1973 (1973 का अधिनियम का 20), हरियाणा स्थानीय क्षेत्र विकास कर अधिनियम, 2000 (2000 का 13) तथा हरियाणा स्थानीय क्षेत्र में माल के प्रवेश पर कर अधिनियम 2008 (2008 का 8) शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि इस स्कीम के तहत करदाताओं को बड़ी राहत देकर बकाया ब्याज और जुर्माना पूरी तरह माफ कर दिया गया है। योजना के तहत 10 लाख रुपए तक के बकाया पर 1 लाख रुपए की मानक छूट और शेष बकाया पर 60 प्रतिशत तक की छूट दी गई है। दस लाख से अधिक और 10 करोड़ रुपए तक के बकाया पर 50 प्रतिशत की छूट रहेगी। इसी तरह से 10 करोड़ रुपए से अधिक के मामलों में केवल मूल बकाया कर ही देना होगा, जबकि ब्याज और जुर्माना 100 प्रतिशत माफ रहेगा।