90 लाख रुपए की ठगी का पर्दाफाश, देशभर में लोगों को बनाया शिकार, गैंग का एक सदस्य गिरफ्तारनूंह (अनिल मोहनिया) : नूंह पुलिस ने 90 लाख रुपये की साइबर ठगी के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश कर एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी अपने CSC सेंटर पर आने वाले ग्राहक के दस्तावेजों का दुरुपयोग कर फर्जी सिम कार्ड बनाता था। बाद में उन्हें साइबर ठगों को बेचता था। जांच में सामने आया कि इन फर्जी सिम कार्ड का उपयोग देशभर में ऑनलाइन ठगी के लिए किया गया। पुलिस ने इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश भी शुरू कर दी है। ASP आयुष यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि राशिद एक CSC संचालक है। आरोपी ग्राहकों के दस्तावेजों का दुरुपयोग कर फर्जी सिम बनाकर साइबर ठगों को बेचता था। पुलिस रिमांड के दौरान आरोपी ने खुलासा किया कि बेचे गए फर्जी सिम कार्ड से करीब 90 लाख रुपये की ठगी की गई है। इस ठगी की शिकायत देशभर से साइबर पोर्टल पर दर्ज की गई थी। कई राज्यों में कर चुका था फ्रॉड जांच के दौरान सामने आया कि इस गिरोह ने तमिलनाडु और तेलंगाना के लोगों को भी अपना शिकार बनाया था। अब तक की जांच में पीड़ितों की पहचान तमिलनाडु के प्रदीप, तेलंगाना के बी. वाम्शी, लांडू शिवा और टी. श्रीकांत के रूप में हुई है।

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नूंह : नूंह पुलिस ने 90 लाख रुपये की साइबर ठगी के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश कर एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी अपने CSC सेंटर पर आने वाले ग्राहक के दस्तावेजों का दुरुपयोग कर फर्जी सिम कार्ड बनाता था। बाद में उन्हें साइबर ठगों को बेचता था। जांच में सामने आया कि इन फर्जी सिम कार्ड का उपयोग देशभर में ऑनलाइन ठगी के लिए किया गया। पुलिस ने इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश भी शुरू कर दी है।

ASP आयुष यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि राशिद एक CSC संचालक है। आरोपी ग्राहकों के दस्तावेजों का दुरुपयोग कर फर्जी सिम बनाकर साइबर ठगों को बेचता था। पुलिस रिमांड के दौरान आरोपी ने खुलासा किया कि बेचे गए फर्जी सिम कार्ड से करीब 90 लाख रुपये की ठगी की गई है। इस ठगी की शिकायत देशभर से साइबर पोर्टल पर दर्ज की गई थी।

कई राज्यों में कर चुका था फ्रॉड

जांच के दौरान सामने आया कि इस गिरोह ने तमिलनाडु और तेलंगाना के लोगों को भी अपना शिकार बनाया था। अब तक की जांच में पीड़ितों की पहचान तमिलनाडु के प्रदीप, तेलंगाना के बी. वाम्शी, लांडू शिवा और टी. श्रीकांत के रूप में हुई है।

गिरोह लंबे समय कर था ठगी

पुलिस ने बताया कि इस मामले में पहले अरबाज और जैतुन की गिरफ्तारी हुई थी। उनकी गिरफ्तारी के बाद जब ठगी की मनी ट्रेल और तकनीकी डाटा की गहन जांच की गई तो राशिद की संलिप्तता सामने आई। आरोपी से कई मोबाइल फोन, फर्जी सिम कार्ड और एक पीओएस मशीन बरामद की है। डिजिटल साक्ष्यों से यह साबित हुआ कि यह गिरोह लंबे समय से आम लोगों से ठगी कर रहा था।

जांच जारी है- पुलिस

पुलिस ने बताय कि जांच के दायरे में यह भी देखा जा रहा है कि राशिद और उसके साथियों ने अब तक कितने लोगों को शिकार बनाया और कितने राज्यों में उनके नेटवर्क फैले हुए हैं। अब तक 7 मामलों में राशिद का नाम सामने आ रहा है।