अंबाला शहर। गाजियाबाद से अंबाला तक का सफर एक कंटेनर ड्राइवर के लिए ऐसा अनुभव बन गया जिसे वो जिंदगी भर नहीं भूल पाएगा। इस रास्ते पर उसका सबसे खतरनाक मुसाफिर न कोई लुटेरा था, न ही कोई ओवरलोड बल्कि खुद 6 फुट लंबा कोबरा सांप था, जो ट्रक की सीट पर आराम फरमा रहा था। जब उसे स्टेयरिंग से लिपटा देखा तो पांव कांप गए और शरीर सहम गया।
कोबरा संभवतः कंटेनर में लदे किसी सामान या कोने में छिपा हुआ गाजियाबाद से चढ़ा होगा और पूरे रास्ते ड्राइवर के बगल में बिना टिकट यात्रा करता रहा। इस घटना ने यह भी साफ कर दिया कि ट्रक ड्राइवर सिर्फ ओवरलोड या नींद से नहीं, जहरीले ‘को-पैसेंजर’ से भी खतरे में हो सकते हैं।
गुरुवार दोपहर को गाजियाबाद से अंबाला की ओर कुरियर से भरा कंटेनर रवाना हुआ तब ड्राइवर विवेक कुमार यादव को रास्ते में बार-बार एक अजीब सी आवाज सुनाई देती रही। उसे लगा कि शायद टायरों से हवा निकल रही है। तीन-चार बार ट्रक रोककर नीचे उतरा, हर बार टायरों को घूमा-फिराकर देखा, लेकिन सब ठीक मिला। पर आवाज थी कि पीछा नहीं छोड़ रही थी।
जब कंटेनर अंबाला के पास शंभू पहुंचा, रात करीब 11 बजे, ड्राइवर ने आखिरी बार टायर चेक करने और चाय पीने के लिए कंटेनर रोका। लेकिन जैसे ही विवेक यादव वह वापस चढ़ा, स्टेयरिंग के साथ ड्राइवर की सीट पर उसी नजर पड़ी तो वह हैरान रह गया। फन उठाए कोबरा, सीट पर लिपटा बैठा था। दरअसल यह कोबरा सीट के नीचे छिपा था और ड्राइवर इससे पूरी तरह से बेखबर था। इसीलिए वह बार-बार टायरों की हवा चेक कर रहा था। उसे जरा भी आभास नहीं था कि कोबरा भी उसके साथ सफर कर रहा था।
ड्राइवर ने तुरंत खुद को संभाला, कंटेनर को एक तरफ रोका और गाड़ी से कूदकर सुरक्षित जगह पहुंचा। मालिक हेमंत विरमानी को फरीदाबाद फोन किया और उन्होंने इंटरनेट से अंबाला वाइल्ड लाइफ विभाग का नंबर तलाशा। यह नंबर इंस्पेक्टर राकेश का था। राकेश ने तुरंत वंदेमातरम दल को सूचना दी और दल के मुखिया भरत मौके पर पहुंचे और करीब छह फुट लंबे कोबरा को बिना नुकसान पहुंचाए रेस्क्यू कर लिया।
ड्राइवर की सतर्कता और संयम ने न केवल उसकी जान बचाई, बल्कि एक जहरीले जीव को भी सही सलामत जंगल पहुंचाया।
वंदेमातरम दल अध्यक्ष भरत ने बताया कि हमें वाइल्ड लाइफ इंस्पेक्टर की ओर से फोन आया था शुक्रवार-शनिवार रात करीब 12 बजे हमने कोबरा को रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ दिया।
ट्रक ड्राइवर विवेक यादव ने कहा कि मैं वंदेमातरम दल और भरत का विशेष तौर पर आभार जताता हूं। अकसर जहां यह सांप था वहां मेरा छोटा कूलर लगा रहता था। मुझे लगा ही नहीं की वहां सांप हो सकता है। जब अंबाला के पास आकर चाय पीने और टायर चेक करना उतरा और वापस चढ़ने लगा तब कोबरा दिखा। सूचना मिलने के आधे घंटे के भीतर रात के समय भी यह मौके पर पहुंच गए।