ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) गोरखपुर के एक विभाग की चार महिला डाक्टरों ने अपने पूर्व विभागाध्यक्ष पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि डाक्टर ने कई बार गलत तरीके से उनको छुआ। बताया जाता है कि आरोपी शिक्षक एम्स गोरखपुर से इस्तीफा देकर दूसरे संस्थान में ज्वाइन कर चुके हैं। एम्स प्रशासन ने महिला चिकित्सकों द्वारा लगाए गए आरोप की विशाखा कमेटी से जांच कराई है। इसकी रिपोर्ट तैयार कर कार्यकारी निदेशक को भेजी गई है। हालांकि कार्यकारी निदेशक डा. विभा दत्ता ने कहा कि विशाखा कमेटी की रिपोर्ट अभी नहीं मिली है।
यह मामला वर्ष 2023-24 का है। विशाखा कमेटी के सामने महिला डाक्टरों ने कई आरोप लगाए। महिला डॉक्टरों ने विशाखा कमेटी से बताया था कि तत्कालीन विभागाध्यक्ष ने चिल्लाना और सार्वजनिक रूप से अपमानित करना शुरू कर दिया था। पूर्व विभागाध्यक्ष एक सीनियर रेजिडेंट डाक्टर के प्रति ज्यादा झुकाव रखते थे। महिला डॉक्टरों की सुनवाई और मामले की जांच के बाद कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार की।
यौन अपराध पीड़िताओं की देखभाल को एम्स में मिलेगा विशेष प्रशिक्षण
वहीं, एक अन्य खबर के मुताबिक एम्स गोरखपुर में यौन अपराध पीड़िताओं की देखभाल के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके तहत पीड़िताओं के मेडिको-लीगल परीक्षण और फॉरेंसिक देखभाल से संबंधित एडवांस जानकारी और व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। कार्यक्रम का नेतृत्व एम्स का फॉरेंसिक मेडिसिन एवं टॉक्सिकोलॉजी विभाग करेगा, जिसमें प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग का सहयोग रहेगा।
यह कार्यशाला एम्स की कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ सेवानिवृत्त मेजर जनरल डॉ. विभा दत्ता के निर्देशन में होगी। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं चिकित्सकों को न सिर्फ तकनीकी दक्षता प्रदान करेंगी, बल्कि पीड़ितों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण विकसित करने में भी सहायक होंगी। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम क्षेत्र में यौन अपराधों के प्रति चिकित्सकीय और कानूनी प्रक्रिया को और मजबूत करेगा।