दो पाक जासूसों का खुलासा: यूट्यूबर बनकर ISI का नेटवर्क फैला रहे थे सोशल मीडिया पर

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पलवल: हरियाणा की पलवल क्राइम ब्रांच ने एक बड़े जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इनमें एक आरोपी वसीम अकरम यूट्यूबर है, जबकि दूसरा तौफीक लंबे समय से पाकिस्तानी नेटवर्क से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है. पुलिस जांच में सामने आया है कि ये लोग पाकिस्तान का वीजा दिलाने के नाम पर लोगों से पैसे वसूलते थे. ये रकम पाकिस्तान दूतावास में काम करने वाले दानिश नामक अधिकारी तक पहुंचाई जाती थी. दानिश इस पैसे को आईएसआई एजेंटों तक पहुंचाता था, जिससे उन्हें भारत में ठहरने और जासूसी नेटवर्क फैलाने में मदद मिलती थी.

सोशल मीडिया से फैला रहे थे नेटवर्क, यूट्यूबर बना ISI का मोहरा: जांच में सामने आया है कि वसीम अकरम सोशल मीडिया पर सक्रिय है और उसके कई अकाउंट हैं. वह कोट का रहने वाला है और 2022 में पाकिस्तान जा चुका है. वहीं, तौफीक अली मेव गांव का निवासी है और वह भी पहले पाकिस्तान जा चुका है. पुलिस का कहना है कि ये दोनों लोग पाकिस्तान जाकर वहां ISI एजेंटों के संपर्क में आए. इनका मकसद वीज़ा दिलाने की आड़ में लोगों को पाकिस्तान भिजवाना और उनके जरिए भारत में खुफिया जानकारी जुटाना था. दोनों ने आसपास के लोगों की रेकी कर, उनके बारे में जानकारियां पाकिस्तान भेजीं.

ISI एजेंटों को पहुंचा रहे थे फंड, एजेंसियों के रडार पर और भी नाम: पुलिस जांच में सामने आया है कि यह नेटवर्क सिर्फ पैसों की ठगी और वीज़ा दिलाने तक सीमित नहीं था, बल्कि भारत में ISI एजेंटों की गहरी पैठ बनाने का जरिया भी बन चुका था. वसूली गई रकम पाकिस्तान दूतावास के जरिए भारत में काम कर रहे ISI एजेंटों को पहुंचाई जाती थी. इन एजेंटों को आर्थिक मदद मिलने से उनका नेटवर्क लगातार फैलता जा रहा था. पुलिस सूत्रों के अनुसार, अब भी कई संदिग्ध लोग एजेंसियों के रडार पर हैं. आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं.

वसीम दो दिन की रिमांड पर, तौफीक को भेजा गया जेल: तौफीक को पांच दिन की रिमांड खत्म होने के बाद जेल भेज दिया गया है, जबकि वसीम को दो दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है. उसकी रिमांड अवधि अब पूरी होने वाली है. जांच में वसीम के फोन से कई संदिग्ध नंबर, चैट और पाकिस्तान के नंबर बरामद हुए हैं. पलवल CIA इंचार्ज दीपक गुलिया के अनुसार, वसीम और तौफीक दोनों ही पाकिस्तान में ISI एजेंटों से संपर्क में थे. वे पाकिस्तान में जाकर उनसे मिले और उनके निर्देश पर भारत में जानकारी जुटाने लगे. फोन डेटा से कई अहम सुराग मिले हैं, जिन पर जांच जारी है.

जांच में सामने आईं कई चौंकाने वाली जानकारियां: दीपक गुलिया ने बताया कि “जांच के दौरान यह भी पता चला कि तौफीक 2022 में पाकिस्तान गया था, जहां वह ISI एजेंटों के संपर्क में आया. उसने वहीं से भारतीय लोगों की जानकारी जुटाने का काम शुरू किया. वसीम के पास से दस्तावेज तो ज्यादा नहीं मिले, लेकिन मोबाइल से कई ऐसे नंबर और चैट सामने आए हैं जो ISI नेटवर्क से जुड़े हुए हैं. दोनों आरोपियों ने न केवल वीज़ा के बहाने ठगी की बल्कि भारत की सुरक्षा को भी खतरे में डाला. एजेंसियां अब इस पूरे नेटवर्क की तह तक जाने में जुटी हैं.”