कुरुक्षेत्र में डायरिया ने लिया जानलेवा रूप: एक बच्चे की मौत, 58 सक्रिय मरीज, प्रवासी लोग पलायन को मजबूर

SHARE

कुरुक्षेत्र: हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में डायरिया इन दिनों तेजी से पांव प्रसार रहा है. जिले की शाहबाद अनाज मंडी में डायरिया का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीते चार दिनों में 58 मरीज सामने आ चुके हैं. इस बीच, मंडी में दिहाड़ी करने वाली एक महिला के छह वर्षीय बच्चे की उल्टी-दस्त के बाद मौत हो गई. हालांकि इस बात की पुष्टी नहीं हुई है कि बच्चे की मौत डायरिया से हुई है. बच्चे की मौत से मजदूरों में दहशत फैल गई है. इस कारण बड़ी संख्या में मजबूर मंडी छोड़कर जाने को मजबूर हैं.

29 सितंबर से शाहबाद अनाज मंडी में डायरिया का प्रकोप: मिली जानकारी के अनुसार 29 सितंबर से मंडी में डायरिया के मामले सामने आने लगे थे. स्वास्थ्य विभाग की जांच में मंडी की दुकानों पर लगी पानी की टंकियों और वाटर कुलर में गंदगी मिली. विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पानी की सप्लाई बंद कर दी. बताया जा रहा है कि पुरानी और लीक हो चुकी पाइपलाइन से गंदा पानी लोगों तक पहुंच रहा है. जांच के लिए जमा किए गए सभी पानी के सैंपल फेल पाए गए हैं. वर्तमान में दो मरीजों को गंभीर हालत में हायर सेंटर रेफर किया गया है. एलएनजेपी अस्पताल में दो और शाहाबाद उप-नागरिक अस्पताल में सात मरीज भर्ती हैं.

अनाज मंडी में काम नहीं करना चाहते हैं मजदूर: डायरिया की चपेट में आ चुके दिलीप शाह नामक मजदूर ने बताया कि “डॉक्टरों ने कई बोतल स्लाइन चढ़ाया है, अब ठीक हूं. 2 दिन की छुट्टी के बाद वापस आया हूं. अब अनाज मंडी में काम नहीं करना नहीं चाहता. हालांकि दो वक्त की रोटी खाने के लिए भी मुश्किल हो रही है. लेकिन हालात ऐसे हो गए हैं की बीमारी के चलते मैं यहां पर काम नहीं करना चाहता, क्योंकि ज्यादातर लोग बीमार हो रहे हैं.”

मजदूरों के सामने साफ पानी का संकट: आढ़ती रणबीर सिंह ने बताया कि “मार्केट कमेटी ने बीते तीन दिन से ट्यूबवेल से पेयजल सप्लाई बंद कर रखी है. टैंकरों से पानी पहुंचाया जा रहा है, लेकिन मजदूरों को सीमित मात्रा में ही पानी मिल पा रहा है.” उन्होंने कहा कि “बिहार से आए प्रवासी मजदूरों का डायरिया के कारण सीजन चौपट हो गया है. बीमारी के डर से कई साथी मंडी छोड़कर जा रहे हैं और कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. हालात ऐसे हो गए हैं कि किसान और मंडी में कमीशन एजेंट और अन्य लोग आने से डरते हैं. मंडी में जितनी भी कमीशन एजेंटों की दुकानें हैं, सभी पर कोई ना कोई मजदूर बीमार पड़ा हुआ है.”

डायरिया फैलने के प्रशासन जिम्मेदार: भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि “डायरिया फैलने और पेयजल के सैंपल फेल होने के लिए पूरी तरह प्रशासन जिम्मेदार है. सरकार को इस लापरवाही के लिए दोषियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. जिला सर्वेक्षण अधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार ने टीम के साथ मंडी का दौरा किया और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए. स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि स्थिति पहले से नियंत्रण में है और मरीजों का इलाज जारी है.”