भिवानी: हरियाणा के भिवानी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ मुहिम के तहत डॉ. अंचल दंपत्ति ने भी मुहिम चलाई हुई है. इस मुहिम के चलते बेटी के जन्म पर माता-पिता नाज करते हैं, उसे बोझ नहीं समझते. क्योंकि बेटी के पैदा होते ही उसे मिलता है शगुन और सम्मान. भिवानी महेंद्रगढ़ के सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह ने इस मुहिम की सराहना की है और कहा कि जल्द समाज में बेटा-बेटी का भेदभाव खत्म होगा.
बेटी का बर्थ सेलिब्रेशन: डॉ. अंचल दंपत्ति ने अपनी बेटी अनन्या के नाम से अपने अस्पताल में पैदा होने वाली हर नवजात बच्ची को शगुन के तौर पर 1100 रुपये, कपड़े, मिठाई और पालकी व प्रशंसा पत्र देना शुरू किया है. इस मुहिम से बेटी के माता-पिता को बच्ची के जन्म पर गर्व होता है. अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिलती है. सांसद धर्मबीर सिंह ने अस्पताल पहुंचकर 7 नवजात बेटियों को अपनी तरफ से भी 100-100 रुपये शगुन के तौर पर दिए हैं.
“बेटे-बेटी का मिटेगा भेद”: इस दौरान सांसद धर्मबीर ने कहा कि “बेटी के जन्म पर सम्मान देने की सराहनीय शुरुआत की गई है. हमारे समाज में रूढ़िवादी विचारों का गंद भरा है. जबकि किसी भी परिवार के लिए बेटी बेटे से ज्यादा अच्छी मानी जाती है. समाज में इस तरह की सराहनीय मुहिम से जल्दी बेटे-बेटियों में भेदभाव खत्म हो सकता है”.
“बेटी होने पर मां को सजा क्यों?”: वहीं, डॉ. अनीता ने कहा कि “दूसरी या तीसरी बेटी के जन्म पर घर के बुजुर्ग काफी दुखी होते थे. परिवार वाले कई बार बच्ची की मां को खाना तो दूर चाय तक नहीं देते थे. हम छुपा-छुपा कर उस मां को चाय पिलाते थे. बेटे के जन्म पर थाली बजती व जश्न होता था. लेकिन बेटी के जन्म पर मातम जैसा माहौल हो जाता था. महिलाओं को बेटी के जन्म पर बहुत दर्द सहना पड़ता था”.
बेटी का सम्मान जरूरी: डॉ. अनीता ने कहा कि “अपनी बेटी के नाम से यहां पैदा होने वाली हर बेटी का सम्मान शुरू किया है. हमारी छोटी बेटी सी मुहिम रंग लाई. लोग धीरे-धीरे अपनी बेटियों को बड़ी ही शानो शौकत से राजकुमारियों की तरह ले जाने लगे हैं”.

















