हरियाणा में इलेक्ट्रिक ट्रक का आगमन: नितिन गडकरी ने पहला बैटरी स्वैपिंग स्टेशन किया उद्घाटन

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गन्नौर  : गन्नौर के गांव पांची गुजरान स्थित दिल्ली इंटरनेशनल कार्गो टर्मिनल प्राइवेट लिमिटेड (DICT) में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भारत का पहले वाणिज्यिक इलेक्ट्रिक ट्रक बैटरी स्वैपिंग एवं चार्जिंग स्टेशन का उद्घाटन किया। इस दौरान जिले के बीजेपी नेता भी कार्यक्रम में मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने मंच से कहा कि वो दिन दूर नहीं जब भारत हवाई ईंधन बनाने में नंबर वन होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था है। हमारी लॉजिस्टिक कॉस्ट चीनी से दोगुनी है। हमारी सरकार ईंधन में बदलाव करने जा रही है। हमारी सरकार बायो फील में बदलाव कर रही है।

साथ में ही नितिन गडकरी ने किसानों को आह्वान किया कि वो पराली जलाने की जगह उसका प्रयोग करना चाहिए, ताकि वो ईंधन बनाने में इसका प्रयोग किया जा सके और किसान इससे आर्थिक मजबूत हो सके। उन्होंने कहा कि मैं किसान हूं और किसान अब ईंधन दाता होगा। पराली से भी अब ईंधन बनाने का काम हो रहा है। महाराष्ट्र में नागपुर और जबलपुर रोड भी पराली से बनाया जा रहा है। हमारे देश में 50 लाख टन पराली का काम बिटकीवन बनाया जा रहा है। बायो इथोलान से चलने वाली गाड़ी से यहां आया हूं और वो उससे चलती हैं। उससे प्रदूषण कम हो रहा है। कृषि यंत्रों में भी अब इसका इंजन बनने जा रहा है। फ्लेक्सी इंजन बनाने का काम कंपनियां काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि ईवी से चलने वाले वाहन अब तेजी से मार्केट में आ रहे हैं। हमारे देश में पारली जलाने से प्रदूषण बढ़ रहा है और उसको रोकने में हम कामयाब हो रहे हैं।

गडकरी ने कहा कि आज मक्के से इथेनॉल बनाया जा रहा है जिससे किसान के मक्के का मार्केट बढ़ा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार के किसानों के 45 हजार करोड़ रुपये जेब में गया। किसानों का भला करना है तो बायो ईंधन और अन्य ईंधन पर काम करना होगा, मैं जो बोलता हूं डंके की चोट पर करता हूं। किसानों को और मजबूत करेंगे। आज बैटरी की कीमत में 50 से 60 प्रतिशत कमी आई है।

पहले चरण में 25 इलेक्ट्रिक ट्रक पहुंचे

बता दें सोनीपत के दिल्ली इंटरनेशनल कार्गो टर्मिनल (डीआईसीटी) गन्नौर में करीबन 350 कॉमर्शियल वाहन हैं, जो अलग-अलग हिस्सों में सामान को पहुंचाने का काम करते हैं। सभी वहां डीजल के हैं अब धीरे-धीरे इनको बैटरी से चलने वाले वाहनों में तब्दील किया जा रहा है। पहले चरण में 25 इलेक्ट्रिक ट्रक पहुंच चुके हैं और टोटल 75 पहुंचने हैं। एनर्जी इन मोशन कंपनी का रविंद्रा एनर्जी लिमिटेड कंपनी के साथ 50% की हिस्सेदारी है।

इस प्रोजेक्ट में शामिल Beiqi FOTON Motor चीन की एक बड़ी कंपनी है, जो हर साल लाखों ट्रक और बसें बनाती है। साल 2024 में FOTON ने 6 लाख से ज्यादा व्यवसायिक वाहन बेचे थे। अब यही तकनीक भारत में भी इस्तेमाल की जाएगी ताकि यहां के ट्रक आधुनिक और पर्यावरण हितैषी बन सकें।

प्रमुख तथ्य

पर्यावरण के लिए लाभ: देश में ट्रक कुल वाहनों का केवल 4% हैं, लेकिन ये 30% कार्बन उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं। इलेक्ट्रिक ट्रकों के उपयोग से प्रदूषण में भारी कमी आएगी।

तकनीक और लागत: अब तकनीक और बैटरी की कीमतें इतनी कम हो गई हैं कि इलेक्ट्रिक ट्रक बिना किसी सरकारी सहायता के भी डीजल ट्रकों से सस्ते होंगे।

बैटरी स्वैपिंग सुविधा: ड्राइवर ट्रक की बैटरी को केवल 5 मिनट में स्वैप कर सकते हैं, जिससे लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता।

ऊर्जा स्रोत: इन स्टेशनों में उपयोग होने वाली बिजली रविंद्रा एनर्जी की सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं से प्राप्त होगी, जो पूरी प्रक्रिया को पर्यावरण के अनुकूल बनाती है।

भारी लोड और दूरी: यह ट्रक 40 टन तक का लोड उठा सकते हैं और एक बार चार्ज पर 180 किलोमीटर तक चल सकते हैं।

भविष्य की योजना

2030 तक उत्तर भारत में 7,000 इलेक्ट्रिक ट्रक चलाने का लक्ष्य है। इसके लिए लगभग 250 चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनमें 2027 तक 45 और स्टेशन स्थापित किए जाएंगे, खासकर सीमेंट, स्टील और माइनिंग क्षेत्रों में।

विशेषताएं

  • इलेक्ट्रिक ट्रक डीजल वाहनों के समान लोड उठाने में सक्षम हैं।
  • बिजली की लागत कम है और एनजीटी टैक्स से मुक्त हैं।
  • प्रदूषण रहित होने के कारण दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति भी मिलेगी।
  • यह पहल भारत में स्वच्छ ऊर्जा और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।