भिवानी में किसानों का प्रदर्शन, जलभराव और MSP पर बाजरा-कपास की खरीद की मांग

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भिवानी: अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में धनाना, मंढ़ाणा और मिताथल गांव के किसानों ने बुधवार को भिवानी में प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के बाद किसान नेताओं ने डीसी को समस्याओं का ज्ञापन सौंपकर हल करने की मांग की. डीसी ने किसानों की समस्या पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए संबंधित विभागों के अधिकारियों को हल करने का निर्देश दिए. उपायुक्त ने समस्याओं पर जल्द से जल्द उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

‘किसानों को एक-एक लाख मुआवजा दे सरकार’: प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अखिल भारतीय किसान सभा के जिला उप प्रधान कामरेड ओमप्रकाश ने बताया कि “किसानों की कई समस्याएं हैं. मुख्य रूप से धनाना, मंढ़ाणा, मिताथल और आसपास के गांव में जलभराव होने से सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो चुकी है. खरीफ की फसल बर्बाद हो चुकी है. इन खेतों से पंप सेट लगाकर जल निकासी की व्यवस्था की जाए ताकि आगामी रबी फसल में खेती हो सके. इसके लिए डीसी से पंप सेट उपलब्ध कराने की मांग की गई है. ड्रेन के किनारे कमजोर होने की वजह से वह ओवरफ्लो होकर टूट जाती है. खेतों का पानी ड्रेन में डालने से पहले ड्रेनों को मजबूत करने की मांग की गई है. ताकि ड्रेन टूटने से दूसरे जगह के किसानों को दिक्कत न हो. साथ जलभराव की समस्या से प्रभावित किसानों को प्रति एकड़ एक-एक लाख रुपये के मुआवजे की मांग की गई है. डीसी ने जल निकासी के लिए सिंचाई विभाग एक्सईएन को निर्देश दिए हैं.”

मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनीः कामरेड ओमप्रकाश ने उपायुक्त को बताया कि “ठगांव तालु, सिवाड़ा और मंढ़ाणा ड्रेन के किनारे बेहद कमजोर हो गए हैं. मामूली बारिश में भी ये ड्रेन ओवरफ्लो होकर अक्सर टूट जाती हैं, जिससे पानी सीधे किसानों के खेतों में भर जाता है. किसानों की खरीफ की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. अब हालात ये हैं कि जलभराव के कारण किसान रबी की फसल की बुवाई भी नहीं कर पाएंगे.” कामरेड ओमप्रकाश ने जिला प्रशासन को चेताया कि यदि जलभराव की समस्या का समाधान तुरंत नहीं किया गया, तो किसान पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे और आंदोलन करने को मजबूर हो जायेंगे.

किसानों को हजारों रुपये प्रति क्विंटल का घाटाः कामरेड ओमप्रकाश ने कहा कि “एक तरफ तो सरकार दावा करती है कि किसानों की फसल का एक-एक दाना खरीदा जाएगा, वहीं दूसरी तरफ आज किसानों की बाजरा और कपास की फसल खरीद के अभाव में मंडियों में खराब हो रही है. किसान मजबूरी में औने-पौने कीमत पर फसल बेचने को मजबूर हैं. किसानों को बाजरे में प्रति क्विंटल 250-300 रुपये से अधिक का नुकसान हो रहा है. वहीं कपास में प्रति क्विंटल 1000 रुपये से ज्यादा का नुकसान हो रहा है. सीएम जापान घूम रहे हैं, यहां किसान मर रहे हैं. सरकार जल्द से जल्द किसानों की फसल एमएसपी पर खरीद करे नहीं तो आंदोलन किया जायेगा.”

‘एमएसपी पर कपास और बाजरा खरीद हो’: अखिल भारतीय किसान सभा के भिवानी तहसील सचिव करतार ग्रेवाल ने कहा कि “दो दिन पहले आई बारिश से भिवानी की नई अनाज मंडी में हजारों क्विंटल बाजरा और कपास की फसल खराब हो गई. ऐसे में किसानों की मांग है कि सरकार बाजरा और कपास की फसल एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित करें.”

जिला कार्यकारिणी की बैठक 9 अक्टूबर कोः अखिल भारतीय किसान सभा के भिवानी तहसील सचिव करतार ग्रेवाल ने बताया कि “9 अक्टूबर को गांव ओबरा में किसान सभा की जिला कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की जाएगी. बैठक में बीते 3 माह से लोहारू में जारी किसानों के धरने की समीक्षा की जाएगी और जलभराव को लेकर चर्चा की जाएगी. इन मुद्दों का समाधान न निकलने पर आगामी आंदोलन की रूपरेखा भी तैयार की जाएगी.”