बहादुरगढ़ : बहादुरगढ़ शहर के सेक्टर-6 स्थित एक कोठी में लगाई गई कंटीली तारें मासूम जीवों के लिए मौत का जाल बन गई हैं। इन तारों में रात के समय करंट छोड़ा जाता है। इसी वजह से शुक्रवार की रात एक मादा बंदर की दर्दनाक मौत हो गई। इससे पहले मंगलवार को भी इसी मकान में एक बंदर की जान गई थी। चंद दिनों में दो मासूमों की मौत से जीवप्रेमी आहत हैं और उन्होंने इसे दुर्घटना के बजाय हत्या करार दिया है। पुलिस को शिकायत देकर न्याय की गुहार लगाई है।
शनिवार की सुबह यह दूसरा मामला सामने आया। इस दफा दृश्य इतना हृदयविदारक था कि मृत मादा बंदर की छाती से उसका बच्चा चिपका हुआ था। वह लगातार चीख रहा था, शायद उसे एहसास नहीं था कि उसकी मां अब कभी नहीं लौटेगी। इस दृश्य को देखकर जीवप्रेमियों की आंखें नम हो गईं। घटना से आहत पशु प्रेमियों ने पुलिस को शिकायत दी। चूंकि मामला मूक प्राणी का है तो पुलिस ने कोई खास गंभीरता नहीं दिखाई। हालांकि बाद में पुलिस ने मकान मालिक को तारें हटवाने के निर्देश दिए, जिसके बाद उन्हें हटाने का काम शुरू भी हो गया है।
जानकारी के अनुसार, सत्ताधारी दल के कुछ नेता आरोपी परिवार के पक्ष में थाने में पैरवी करते देखे गए। वहीं, यह भी स्पष्ट नहीं हो सका है कि मृत बंदर के शव का क्या किया गया और उसका मासूम बच्चा अब कहां है। ₹ यह सिर्फ लापरवाही नहीं बल्कि गंभीर अपराध है। इसमें एक जीव की जान गई है और एक बच्चा अनाथ हो गया है। ऐसे में कानूनी कार्रवाई बनती है, जिनमें सजा का स्पष्ट प्रावधान है। उन्होंने कहा कि अगर थाना पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो वे उच्चाधिकारियों के पास जाएंगे। इस संबंध में उन्होंने एक्स पर सीएमओ हरियाणा को भी टैग कर मामले से अवगत कराया है।
बताया जा रहा है कि दोनों मामलों में बन्दरों के शवों को गायब कर दिया गया ताकि पोस्टमार्टम हो सके। वहीं, जीवप्रेमियों का कहना है कि पुलिस ने पहले वाले मामले में कार्रवाई की होती तो आज एक बच्चे के सिर से उसकी मां की ममता का साया नहीं उठता। अब देखने वाली बात यह है कि क्या मासूम मूक प्राणियों को न्याय मिल पाएगा या फिर एक बार फिर रसूखदारों के आगे न्याय व्यवस्था घुटने टेक देगी।

















