हरियाणा में Y पूरन कुमार सुसाइड मामला: पोस्टमार्टम नहीं, परिवार अपनी मांगों पर अड़ा

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चंडीगढ़ : आईजी वाई पूरन कुमार के सुसाइड मामले में घिरी हरियाणा सरकार ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई की। सुबह रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारनिया को हटाकर सुरेंद्र भौरिया को कार्यभार सौंप दिया। इसके बावजूद आईजी के शव का 5वें दिन भी पोस्टमार्टम नहीं हो सका। पीड़ित परिवार व दलित समाज की 31 सदस्यीय कमेटी ने साफ कहा कि डीजीपी शत्रुजीत कपूर व रोहतक के पूर्व एसपी नरेंद्र बिजारनिया को तुरंत बर्खास्त व गिरफ्तार किया जाए, उसके बाद ही पोस्टमार्टम कराया जाएगा। रविवार दोपहर 2 बजे चंडीगढ़ में महापंचायत होगी। इसमें आगामी निर्णय लिया जाएगा।

वहीं, मामले में सीएम नायब सिंह सैनी की पहली प्रतिक्रिया आई। उन्होंने कहा, ‘यह दुखद घटना है। जब जापान में सूचना मिली, तुरंत अधिकारियों को आईजी की पत्नी के साथ वापस भेजा। सरकार पूरी जांच कराएगी। किसी व्यक्ति को कोई तंग करेगा तो चख्शा नहीं जाए‌गा। परिवार के साथ अन्याय हुआ है, सरकार न्याय देने का काम करेगी। दोषी कितना भी प्रभावशाली व्यक्ति क्यों न हो, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।’ वहीं, फतेहाबाद, कैथल, नारनौल, जींद, पानीपत, गुरुग्राम, रोहतक समेत कई जिलों में दलित संगठनों ने कैंडल मार्च निकाला और प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। ऐसे में माना जा रहा है कि डीजीपी को लेकर सरकार जल्द कोई निर्णय ले सकती है।

सुबह 8:30 बजे पुलिस ने सेक्टर-16 स्थित सिविल अस्पताल से वाई पूरन कुमार का शव पीजीआई के पोस्टमार्टम हाउस में पहुंचा दिया। परिजनों ने आरोप लगाया कि बिना सूचना दिए शव ले जाया गया है। तब चंडीगढ़ के डीजीपी सागर प्रीत हुड्‌डा सीनियर आईएएस अमनीत पी. कुमार के सेक्टर-24 स्थित आवास पर पहुंचे। डीजीपी ने कहा कि परिवार की मंजूरी के चिना पोस्टमार्टम नहीं होगा। पोस्टमार्टम पीजीआई में ही होना है। 5 डॉक्टरों का बोर्ड बनाया गया है।

सूत्रों का कहना है कि सीएम आवास पर शुक्रवार देर रात उच्चस्तरीय बैठक हुई। शनिवार सुबह भी बैठक हुई। केंद्र सरकार तक मामला पहुंचने, आईएएस एसोसिएशन के कड़े तेवर और दलित समाज की एकजुटता से बढ़ रहे दबाव के बाद हरियाणा सरकार ने सुबह 11:50 बजे रोहतक एसपी को हटाने के आदेश जारी कर दिए। इसके बाद भी परिवार आईजी के शव का पोस्टमार्टम कराने को सहमत नहीं हुआ। पीड़ित परिवार को मनाने के लिए हरियाणा सरकार ने दोपहर 12:00 बजे मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, सीएम के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, गृह विभाग को एसीएस डॉ. सुमिता मिश्रा, एससी समाज से आने वाले कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार व कृष्ण बेदी को अमनीत के आवास पर भेजा। वहां 3 घंटे चली बातचीत में काई नतीजा नहीं निकला।

परिवार ने साफ कहा कि जब तक डीजीपी और एसपी पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया जाएगा। इसी दौरान कैबिनेट मंत्री अनिल विज भी पहुंचे और परिजनों को सांत्वना दी। 3 बजे सरकार का प्रतिनिधिमंडल भी वापस चला गया और सीएम को जानकारी दी। इस बीच सीएम ने पंचकूला में भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में आईजी बाई पुरन कुमार के निधन पर शोक जताया। दो मिनट का मौन रखा गया। सीएम ने कहा कि दोषी कोई कितना भी बड़ा क्यों न हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। इस बैठक के बाद सीएम की मंत्रियों के साथ बैठक हुई।

तीनों अधिकारियों व दोनों मंत्रियों को शाम 5 बजे फिर से अमनीत के आवास पर भेजा गया, लेकिन परिवार नहीं माना। शाम 7 बजे मंत्री कृष्ण पंवार व कृष्ण बेदी पीड़ित परिवार से फिर से मिलने पहुंचे। उन्होंने सरकार का संदेश परिजनों को दिया। परिजनों ने कहा कि डीजीपी व एसपी पर कार्रवाई को लेकर सरकार के फैसले की कॉपी चाहिए। 11 बजे मंत्री बिना कोई हल निकले निकल गए। सूत्रों का कहना है कि केंद्र की और से पल-पल की रिपोर्ट ली जा रही है। केंद्र के निर्देश के बाद ही एसपी को हटाया गया है। डीजीपी को लेकर भी केंद्र के निर्देश पर जल्द निर्णय लिया जा सकता है।