IPS पूरन कुमार की पत्नी अमनीत को खरगे का पत्र: “यह शर्मनाक है, आज हम चांद पर झंडा गाड़कर…”

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हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एडीजीपी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या के बाद जहां उनका परिवार न्याय की मांग पर अडिग है, वहीं विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी परिवार को समर्थन देना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पूरन कुमार की पत्नी अमनीत पी. को पत्र लिखकर गहरा शोक व्यक्त किया है और इस घटना की कड़ी निंदा की है।

मल्लिकार्जुन खरगे का पत्र: “न्याय की लड़ाई निर्णायक मुकाम तक पहुंचेगी”

अपने पत्र में खरगे ने लिखा, “यह पत्र आपको लिखते समय मैं मन से बहुत आहत और विह्वल महसूस करते हुए निशब्द हूं। आपके पति, हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार ने सामाजिक पूर्वाग्रहों और विसंगतियों से जूझते हुए अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। इस दुखद घटना की जानकारी से मेरे दिल को बहुत ठेस पहुंची है।”

उन्होंने आगे कहा, “अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में मैंने कई घटनाएं देखी हैं, लेकिन पूर्वाग्रह और भेदभाव से प्रेरित इस हादसे ने मुझे और सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष करने वाले सभी साथियों को गहरी पीड़ा पहुंचाई है। जब देश चांद पर झंडा गाड़कर गौरव महसूस कर रहा है, तब यह सोचना बेहद दुखद है कि जिन लोगों पर समाज को न्याय दिलाने की जिम्मेदारी है, वे खुद असमानता और पक्षपात के शिकार हो रहे हैं। यह हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए शर्मनाक स्थिति है।” खरगे ने आश्वासन दिया कि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को निर्णायक मुकाम तक ले जाएगी और परिवार को हरसंभव समर्थन दिया जाएगा।

सोनिया गांधी ने जताई संवेदना 

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने भी अमनीत पी. को पत्र लिखकर अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं। उन्होंने लिखा, “पूरन कुमार की असामयिक मृत्यु की खबर स्तब्ध और मन को व्यथित करने वाली है। इस कठिन समय में मेरी पूरी संवेदना आपके और आपके परिवार के साथ है।” सोनिया गांधी ने आगे कहा, “पूरन कुमार का जाना हमें यह याद दिलाता है कि आज भी पूर्वाग्रह और पक्षपातपूर्ण रवैया समाज के सबसे ऊंचे पदों पर बैठे अधिकारियों तक को न्याय से वंचित रख सकता है। न्याय की इस डगर पर मैं और करोड़ों देशवासी आपके साथ खड़े हैं।”

बता दें आईपीएस पूरन कुमार की हाल ही में हुई आत्महत्या ने पूरे राज्य में राजनीतिक और सामाजिक बहस छेड़ दी है। दलित समाज समेत कई सामाजिक संगठन और राजनीतिक दल इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शनों और नेताओं के समर्थन से यह मामला अब राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आ गया है।