करनाल: हरियाणा में धान का समर्थन मूल्य उत्तर प्रदेश से ज्यादा होने के चलते अब यूपी के कई किसान करनाल सहित हरियाणा की मंडियों में धान पहुंचाने की कोशिश में जुटे हैं.करनाल अनाज मंडी में ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जहां यूपी से आए कई वाहन गैरकानूनी तरीके से मंडी में दाखिल होते पकड़े गए.
मिलीभगत से चल रहा था खेल: कुछ आढ़तियों की मिलीभगत से यूपी के किसान अपने राज्य में सस्ते दाम पर धान बेचने की बजाय हरियाणा में ऊंची MSP का फायदा उठाने की फिराक में हैं. मंडी प्रशासन ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए जांच शुरू कर दी है.
मंडी सचिव ने दी सख्त चेतावनी: मंडी सचिव ने साफ कहा है कि, “हरियाणा की मंडियों में केवल वहीं किसान धान बेच सकता है, जिसका नाम ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर दर्ज है और जो हरियाणा का मूल निवासी हो. अगर कोई बाहरी किसान जबरदस्ती धान लेकर आता है, तो एफआईआर तक दर्ज की जाएगी.”
जांच में हुआ बड़ा खुलासा: करनाल मार्केट कमेटी के सह सचिव योगेश ने मंडी गेट पर 11 वाहनों की जांच की, जिनमें से सिर्फ 2 वाहन वैध पाए गए, जबकि 9 वाहन अवैध रूप से मंडी में दाखिल हो रहे थे. योगेश ने कहा कि, “इन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी और किसी भी आढ़ती को बाहर से धान मंगवाकर सरकारी राजस्व को नुकसान नहीं पहुंचाने दिया जाएगा.”
यूपी के किसान ने खुद किया खुलासा: एक यूपी के किसान सुमित ने कबूल किया कि “हमें यहां एक आढ़ती ने बुलाया था. हम पहली बार करनाल आए हैं और हमारे जैसे कई किसान धान लेकर मंडी में पहुंच रहे हैं.” किसान के इस बयान से मंडी में चल रहे गोरखधंधे की पोल खुल गई है.
सुरक्षा के सख्त इंतजाम: इस घटना के बाद प्रशासन ने मंडी गेटों पर निगरानी बढ़ा दी है. साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि केवल उन्हीं किसानों के वाहन अंदर आएं जिनका ई-खरीद पोर्टल पर पंजीकरण हो और वे हरियाणा निवासी हों. अन्य राज्यों से आने वाला धान अब सीधे गेट पर ही रोका जाएगा.
बता दें कि हरियाणा की ऊंची MSP जहां प्रदेश के किसानों के लिए राहत बनकर आई है, वहीं अब यह गैरकानूनी धान कारोबारियों के लिए लालच का जरिया बनती जा रही है. करनाल मंडी की कार्रवाई इस बात का संकेत है कि सरकार अब किसी भी तरह की फर्जी खरीद या राजस्व चोरी को बर्दाश्त नहीं करेगी.

















