IPS पूरन सुसाइड केस पर हरियाणा में अलर्ट, सरकार ने पुलिस व प्रशासन को जारी किए विशेष निर्देश

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हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले ने पूरे राज्य में गहरा असर डाला है। इस घटना के बाद कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जिससे राज्य भर में तनाव और सतर्कता की स्थिति बन गई है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, हरियाणा सरकार ने पुलिस और प्रशासन को उच्च स्तर की निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। सभी वरिष्ठ अधिकारियों कमिश्नर, डिप्टी कमिश्नर (डीसी), और एसपी को पत्र भेजकर निर्देशित किया गया है कि वे क्षेत्रीय नेताओं के साथ समन्वय बनाकर कार्य करें और सुनिश्चित करें कि कानून-व्यवस्था बनी रहे।

सरकार की ओर से भेजे गए आदेश में कहा कि हरियाणा सरकार के एडीजीपी, आईपीएस वाई. पूरन कुमार के दुर्भाग्यपूर्ण निधन के बाद सामने आई हालिया घटनाओं के संदर्भ में, सभी जिलों और संभागों में कड़ी निगरानी रखने और सांप्रदायिक सद्भाव सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता है। पत्र में लिखा कि सभी संबंधित अधिकारियों को स्थानीय संगठनों और सामाजिक नेताओं के साथ मिलकर काम करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी अप्रिय घटना न हो। उन्हें एक्टिव रूप से कदम उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए। शांति एवं सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक सभी उपाय शुरू करने का निर्देश दिया जाता है। आदेश में क्षेत्रीय अधिकारियों से कहा गया है कि वे “किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने के लिए तैयार और तत्पर रहें”।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अधिकारी सक्रियता से कार्य करें और संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जाए। इसके साथ ही, स्थानीय प्रशासन से कहा गया है कि वे जनता से संवाद बनाए रखें और शांति सुनिश्चित करने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाएं।

 क्या है मामला?

7 अक्टूबर को हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने चंडीगढ़ स्थित अपने घर में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या से पहले उन्होंने एक सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें उन्होंने 15 वरिष्ठ अधिकारियों पर जातीय आधार पर प्रताड़ित करने का गंभीर आरोप लगाया और उन्हें अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया।

इस मामले की जांच चंडीगढ़ पुलिस कर रही है, लेकिन मृतक अधिकारी की पत्नी, जो खुद एक आईएएस अधिकारी हैं, पुलिस जांच से संतुष्ट नहीं हैं। इसी कारण आठ दिन बाद भी शव का पोस्टमार्टम नहीं हो सका है। परिवार की नाराजगी और बढ़ते दबाव के बीच हरियाणा सरकार ने बीती रात डीजीपी शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेज दिया और अब ओपी सिंह को कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया है।