जुलाना: आत्महत्या करने वाले एएसआई संदीप कुमार रविवार को ही दिवाली की तैयारी के लिए अपने वार्ड 4 स्थित पुश्तैनी घर जुलाना आए थे। चाचा के बेटे शीशपाल आर्य ने कहा कि वे बुधवार को सभी रिश्तेदारों के साथ आगे की रणनीति तय करेंगे। उन्होंने बताया कि संदीप के पिता दयानंद पुलिस विभाग में इंस्पेक्टर रहे और लगभग 20 वर्ष पहले रेल हादसे में उनकी मृत्यु हो गई थी। दादा भरत सिंह भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके थे। संदीप ने 2007 में पुलिस विभाग जॉइन किया था।
संदीप के परिवार में पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा है। बड़ी बेटी प्रतिभा नीट की तैयारी कर रही है। छोटी बेटी नौवीं कक्षा में जबकि बेटा चौथी कक्षा में पढ़ता है। करीब पांच वर्ष पहले संदीप परिवार सहित रोहतक शिफ्ट हो गया था जहां वह साइबर सेल में तैनात था। संदीप जुलाना युवा क्लब के प्रधान रह चुके थे और रक्तदान शिविरों व पौधरोपण अभियानों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे। उनके साथी उन्हें मिलनसार, मददगार पुलिसकर्मी के रूप में याद कर रहे हैं।
बता दें कि एएसआई ने सुसाइड से पहले वीडियो और पांच पेज के सुसाइड नोट लिखे थे। आईपीएस पूरन कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं और डीजीपी शत्रुजीत कपूर को ईमानदार बताया है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के डर से वाई पूरन कुमार ने सुसाइड किया है। उन्होंने जांच की मांग करते हुए कहा कि इस भ्रष्टाचार परिवार को छोड़ा नहीं जाए।
सुसाइड नोट में क्या लिखा
उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि मैं संदीप कुमार पुत्र दयानंद, गांव जुलाना जींद से हूं। मैंने अपनी जिंदगी में सच्चाई का साथ दिया है। मुझे सच्चे और ईमानदार लोग पसंद हैं। मेरे दादा और छोटे दादा जी सेना में रहे और वे देश के लिए लड़े। मेरी रगों में देशभक्ति है। उन्होंने लिखा कि देश और समाज से बड़ा कोई नहीं होता।

















