कैथल : पुलिस अधीक्षक उपासना के दिशा-निर्देशानुसार साइबर व विदेशी ठगी से जुड़े मामलों में त्वरित कार्रवाई करते हुए कैथल स्पेशल डिटेक्टिव यूनिट ने कनाडा भेजने के नाम पर लाखों रुपये ठगने व युवकों को लिबिया में बंधक बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। टीम ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, जबकि लिबिया में फंसे 5 भारतीय युवकों को सुरक्षित रेस्क्यू करवाया गया है।
गांव फरीयाबाद निवासी सुरेश कुमार, रामबीर और गांव बडसीकरी खुर्द निवासी कृष्ण कुमार ने शिकायत दी थी कि वे अपने बेटों आदित्य, विक्रांत और सुमित को विदेश भेजना चाहते थे। इस दौरान उनकी मुलाकात फतेहाबाद निवासी मंजीत व साधनावास निवासी मान सिंह से हुई। मान सिंह ने प्रति युवक 26 लाख रुपये लेकर कनाडा भेजने का भरोसा दिया।
10 सितंबर को वह युवकों को दुबई ले गया, जहां से 11 सितंबर को लिबिया भेज दिया। वहां रहने व खाने के नाम पर अतिरिक्त रकम भी वसूली गई।कुछ समय बाद युवकों के परिवारों से अली नामक व्यक्ति ने संपर्क कर कथित फिरौती की मांग की। परिवारजनों ने दबाव में 70 से 80 लाख रुपये तक दे भी दिए। मामला गंभीर होने पर थाना राजौंद में केस दर्ज किया गया और जांच स्पेशल डिटेक्टिव यूनिट को सौंपी गई।
एसआई रमेश चंद व एएसआई तरसेम सिंह की टीम ने विदेश मंत्रालय, भारतीय दूतावास व अन्य एजेंसियों की मदद से लिबिया में फंसे तीन कैथल व दो पंजाब के युवकों को सुरक्षित छुड़वाया। 23 अक्तूबर को तीन युवकों को दिल्ली एयरपोर्ट से रिसीव किया गया। 24 अक्तूबर को आरोपी मान सिंह को गोहाना बाईपास, सोनीपत से गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में सामने आया कि वह 2022 से अली के साथ युवकों को अवैध रूप से विदेश भेजने का काम करता था और हाल ही में हुए नुकसान की भरपाई के लिए फिरौती तंत्र अपना लिया था। फिरौती में अली का 65% और मान सिंह का 35% हिस्सा तय था। एसपी उपासना ने कहा कि विदेश भेजने से पहले एजेंट की वैधता जांचना बेहद जरूरी है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।

















