पंचकूला: हरियाणा के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं लोक निर्माण विभाग के मंत्री रणबीर गंगवा ने कहा कि “प्रदेश में अब ना तो पानी की चोरी हो सकेगी और ना ही पानी बर्बाद होने दिया जाएगा.” उन्होंने बताया कि “बर्बादी और दुरुपयोग की रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार ने एक्ट तैयार किया है, जिसे विधानसभा में पास होने के बाद लागू किया जाएगा. इस एक्ट के अनुसार नहरी पानी की चोरी और पानी बर्बाद करने पर जुर्माना समेत अन्य कानूनी प्रावधान होंगे, ताकि प्रदेश में जल संकट ना गहराए.” मंत्री रणबीर गंगवा ने शुक्रवार को पंचकूला स्थित होटल रेड बिशप सेक्टर-1 में ये जानकारी दी.
पेयजल और सीवरेज पर कार्यशाला: मंत्री रणबीर गंगवा पेयजल और सीवरेज के संबंध में पंचकूला में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला की अध्यक्षता की. इस दौरान उन्होंने बताया कि “इस दो दिवसीय कार्यशाला में आईआईटी रुड़की से तीन विशेषज्ञों समेत प्रदेश के जेई, एसडीओ, एक्सईएन, एसई, चीफ इंजीनियर और ईआईसी, सभी ने एक साथ बैठकर अपने विचार साझा की फीडबैक दी और बताया कि विभाग में किस प्रकार और सुधार किया जा सके. निम्न स्तर से उच्च स्तर तक जिस किसी प्रकार की भी समस्या/बाधाएं दरपेश आती हैं, उन्हें दूर करने के लिए पहली बार इस प्रकार की कार्यशाला का आयोजित की गई है.”
‘सीवर सफाई के लिए मैनुअली अंदर ना घुसें’: मंत्री रणबीर गंगवा ने बताया कि “सीवरेज की समस्या हो या फिर शहरों में बरसाती जलभराव की समस्या, अधिकारियों को जलभराव के स्थान चिन्हित कर समाधान करने के निर्देश दिए हैं. प्रदेश के लोगों के प्रति संकल्प और वायदा है कि गुणवत्ता के तहत कार्य होगा. एसटीपी में सुधार और पानी को रिसाइकल कर इस्तेमाल में लाने बारे चर्चा की गई है.” मंत्री गंगवा ने सीवरेज में सफाई करते समय हुई मौतों के मामले में कहा कि “मशीनें उपलब्ध हैं, साथ ही और 22 नई सुपर सक्कर मशीनों की खरीद के आदेश दिए हैं. यही कारण है कि ठेकेदारों और अधिकारियों को सख्त आदेश दिए गए हैं कि कोई भी मैनुअल तरीके से सीवरेज सफाई के लिए अंदर नहीं घुसेगा.”
एक्ट के दायरे में गैरकानूनी सर्विस स्टेशन: मंत्री रणबीर गंगवा ने कहा कि “प्रदेश में गैरकानूनी सर्विस स्टेशन समेत अन्य कई पहलु एक्ट के अंतर्गत शामिल होंगे. उल्लंघन करने पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी. इस संबंध में मुख्यमंत्री हरियाणा को प्रस्ताव भेजा गया है.”
‘गांव में पानी के मीटर नहीं लगाए गए’: मंत्री रणबीर गंगवा ने कहा कि “गांव में पानी के मीटर नहीं लगाए गए हैं. यही कारण है कि पानी पर शहरों से ही अधिक रिकवरी होती है. हालांकि पानी के मीटर लगाने पर चर्चा चल रही है, ताकि लोग पानी बर्बाद ना करें.” उन्होंने प्रदेशवासियों से पानी बर्बाद न करने की अपील की और कहा कि पानी का नल खुला ना छोड़ें. बताया कि “तालाब को लेकर पोंड अथॉरिटी बनी हुई है, जो उनके सौंदर्यीकरण व तालाब के पानी पर काम कर रही है. केंद्र द्वारा राज्यों से जल जीवन मिशन के तहत बड़ी मात्रा में पाइप लाइन लगाने, बूस्टिंग स्टेशन लगाने का काम किया, कोई ऐसा गांव नहीं है, जहां काम ना हुआ हो.”
नहर और ट्यूबवेल से जलापूर्ति: मंत्री रणबीर गंगवा ने बताया कि “प्रदेश में नहर और ट्यूबलों से जलापूर्ति की जाती है. प्रदेश में 55% नहर से और 45% ट्यूबवेल से पानी दिया जाता है. पानी के चार्ज में बदलाव को लेकर चर्चा की जाएगी और मीटर लगने पर भी बात करेंगे, लेकिन फिलहाल कोई योजना नहीं हैं और चार्जिस में बदलाव नहीं किया गया है.”
भू-जलस्तर कहीं नीचे तो कहीं ऊपर: मंत्री रणबीर गंगवा ने भूजल स्तर की स्थिति के बारे में कहा कि कई जगहों पर भू-जलस्तर काफी नीचे है तो कहीं ऊपर है. उन्होंने कहा कि “बरसात के सीजन में बोर करके पानी नीचे छोड़ने से पानी रिचार्ज किया जाता है. इसके अलावा जहां पीने योग्य पानी है, वहां ट्यूबवेल के माध्यम से आपूर्ति की जाती है.”

















