हरियाणा में 5 अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज होगी, वजह हुई उजागर

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हरियाणा में बाजरा और धान की खरीद प्रक्रिया में हो रही धांधली को लेकर सरकार ने अब सख्त रवैया अपना लिया है। एक दिन पहले निलंबित किए गए पांच अधिकारियों पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शनिवार को एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। सरकार ने शुक्रवार को कनीना और कोसली अनाज मंडी में ई-खरीद पोर्टल और मार्केट कमेटी के रजिस्टर में अंतर पाए जाने पर कनीना मंडी के सचिव-सह-ईओ मनोज पराशर व कोसली अनाज मंडी के सचिव-सह-ईओ नरेंद्र कुमार को निलंबित कर दिया था।

इसी तरह मार्केट कमेटी करनाल में अलग-अलग आईपी का इस्तेमाल कर फर्जी गेट पास जारी करने पर मंडी सुपरवाइजर हरदीप व अश्वनी और ऑक्शन रिकॉर्डर सतबीर को निलंबित किया था। इन सभी पर अब सीएम ने मुकदमा दर्ज करने को कहा है। एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं।

धान व बाजरा की खरीद प्रक्रिया की पारदर्शिता और सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सीएम ने सभी संबंधित विभागों की शनिवार को उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक भी बुलाई। इसमें कहा कि किसानों की फसल का एक-एक दाना खरीदने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। खरीद की आड़ में सरकार के साथ धोखाधड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। बैठक में सभी जिला उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक भी ऑनलाइन जुड़े।

उनसे सीएम ने कहा कि दूसरे राज्यों से फसल लाकर हरियाणा में बेचने वालों पर भी मुकदमा दर्ज किया जाए। निर्देश दिए कि दूसरे राज्यों से आने वाले धान की अवैध एंट्री को हर कीमत पर रोका जाए। इसके लिए सभी सीमावर्ती जिलों में पुलिस को नाकेबंदी करने को भी कहा। इस दौरान धान-बाजरा खरीद से जुड़ी व्यवस्थाओं, मंडियों की स्थिति, किसानों की शिकायतों और ई-खरीद प्रणाली की समीक्षा की गई।