कैथल : अवैध तरीके से विदेश जाकर बेहतर भविष्य की तलाश में निकले कैथल जिले के 14 युवकों को अमेरिका की सरकार ने डिपोर्ट कर दिया। यह सभी युवक ‘डंकी रूट’ के माध्यम से अमेरिका पहुंचे थे। इनमें से कुछ युवक कई-कई साल से अमेरिका में रह रहे थे, जबकि कुछ कुछ महीने पहले ही वहां गए थे। इनमें से कुछेक को अमेरिका में पकड़े जाने के बाद डेढ़ साल तक जेल में रखा गया था। सभी युवाओं की उम्र 25 से 40 वर्ष के बीच बताई जा रही है। इन युवाओं में कई ऐसे भी हैं जिन्होंने विदेश जाने के लिए घर-परिवार की जमीन तक बेच दी, व कुछ ने कर्ज लेकर यह जोखिम भरा रास्ता चुना था।
दिल्ली से पुलिस लाई कैथल
रविवार सुबह कैथल पुलिस टीम ने इन सभी युवाओं को दिल्ली एयरपोर्ट से रिसीव किया और उन्हें कैथल पुलिस लाइन लाया गया। यहां डीएसपी ललित यादव के नेतृत्व में सभी युवकों की बाकायदा पूछताछ और दस्तावेजों की जांच की गई। पूछताछ के दौरान तारागढ़ निवासी नरेश कुमार का क्रिमिनल रिकॉर्ड सामने आने पर उसे तुरंत हिरासत में ले लिया गया। जानकारी के अनुसार नरेश कुमार चैक बाउंस व एक्साइज एक्ट से संबंधित मामले में भगोड़ा चल रहा था। बाकी 13 युवकों का कोई भी आपराधिक रिकॉर्ड सामने नहीं आया, जिन्हें पूछताछ के बाद परिजनों के हवाले कर दिया गया।
ये युवक किए गए डिपोर्ट
डिपोर्ट किए गए युवकों में तारागढ़ निवासी नरेश कुमार, पीडल निवासी कर्ण, अग्रसेन कॉलोनी निवासी मुकेश, कैथल निवासी ऋतिक, जडोला निवासी सुखबीर सिंह, हाबड़ी निवासी अमित व दमनप्रीत, बुच्ची निवासी अभिषेक, बात्ता निवासी मोहित, पबनावा निवासी अशोक कुमार, सेरधा निवासी आशीष, सिसला निवासी प्रभात तथा ढांड निवासी सतनाम सिंह शामिल हैं। इनमें से कई युवक 5 से 7 साल तक अमेरिका में रह रहे थे, वहीं कुछ युवक हाल ही में गए थे और पकड़े जाने के बाद से जेल में बंद थे। बताया गया कि इन युवकों को दिल्ली लाने तक हाथ और पैरों में बेड़ियां लगाई गई थीं।
अभी तक किसी ने एजेंट के खिलाफ शिकायत नहीं की
डीएसपी ललित यादव ने बताया कि सभी युवक डंकी रूट के माध्यम से अमेरिका में घुसे थे, जिसे अमेरिका की सरकार ने अवैध मानते हुए उन्हें वापस भेज दिया। उन्होंने कहा कि अभी तक किसी भी युवक ने उन एजेंटों के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं करवाई है, जिन्होंने उन्हें गलत तरीके से विदेश भेजा था। यदि कोई शिकायत करता है तो पुलिस उसी अनुसार कार्रवाई करेगी। युवाओं ने कहा कि वे पहले परिवार से बातचीत करेंगे और उसके बाद ही आगे का निर्णय लेंगे।
फरवरी में भी 18 युवक डिपोर्ट हुए थे
गौरतलब है कि इसी वर्ष फरवरी माह में भी कैथल जिले के करीब 18 युवकों को अमेरिका ने डिपोर्ट किया था। इसके बावजूद जिले में डंकी रूट का जाल सक्रिय है और कई युवा लालच व मजबूरी में यह जोखिम उठाते जा रहे हैं।
एक और डिपोर्ट फ्लाइट 3 नवंबर को आएगी
डिपोर्ट हुए एक युवक ने बताया कि 3 नवंबर को एक और विमान भारत आने वाला है, जिसमें कैथल व आस-पास क्षेत्रों के कई अन्य युवकों के भी डिपोर्ट होने की संभावना है। यह स्थिति जिले में अवैध विदेश भेजने वाले नेटवर्क के फैलाव और उसके खतरनाक परिणामों को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।

















