रोहतक : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) मे महिला सफाई कर्मचारी और अधिकारियों के बीच जमकर हंगामा हो गया। इसके चलते महिलाओं ने अपने अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला सफाई कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि वे महावारी के चलते स्वास्थ्य खराब होने पर कुछ देर का ब्रेक लेना चाह रही थी । इस बारे में अधिकारियों को कहा गया था, लेकिन एक सुपरवाइजर ने कथित तौर पर उनकी एक नहीं सुनी। उन्हें कपड़े उतरवाकर पीरियड (मासिक धर्म) की जांच करवाने को कहा गया। इस पर महिला कर्मचारियों का गुस्सा बढ़ गया और उन्होंने हंगामा कर दिया। वहीं अधिकारियों का दावा है कि महिला कर्मी ने उनके साथ धक्का-मुक्की की।
आरोप है कि सुपरवाइजर ने महिला सुरक्षा कर्मी के माध्यम से महिला सफाईकर्मी के कपड़े उतारकर जांच कराने के लिए महिलाओं की सलवार उतरवा कर उनकी फोटो तक ली गई और ये सब जांच के नाम पर किया गया, साथ कहा गया कि ऊपर से असिस्टेंट रेजिस्टर के आदेश है। मामला ज्यादा गर्म हुआ तो जब महिला कर्मी ने ऐसा करने से इनकार किया, तो उनके साथ जबरदस्ती करने का प्रयास किया गया इसके बाद अन्य सफाईकर्मियों ने इस मामले को गंभीरता से लिया और हंगामा शुरू हो गया। छात्र संगठन भी महिला सफाईकर्मियों के समर्थन में सामने आए और आरोपियों के सस्पेंड किए जाने की मांग करने लगे। डायल 112 भी मौके पर पहुंची। महिला कर्मियों का कहना है कि दो महिला कर्मियों को माहवारी के कारण असुविधा हो रही थी, जिसकी जानकारी सुपरवाइजर को दी गई थी। इसके बावजूद उनसे अनुचित कार्रवाई की गई।
वही मौके पर आए कुलसचिव के के गुप्ता ने कहा कि यूनिवर्सिटी में महिलाओं के साथ जो भी गलत काम हुआ है हम इस पूरे घटनाक्रम की जांच करेंगे फिलहाल सुपरवाइजर को हटा दिया गया है और जो भी इस मामले में दोषी होगा उसको बक्शा नही जाएगा अगर जरूरत पड़ी तो हम आरोपी अधिकारियों के ऊपर एस सी /एस टी के तहत मामला दर्ज भी करवाया जाएगा ,भविष्य मे किसी भी महिला कर्मचारियों के साथ इस तरह की हरकत की गई तो किसी को बख्शा नही जाएगा ।

















