रेवाड़ी: हरियाणा के अन्नदाता एक बार फिर परेशान नजर आ रहे हैं. कहीं पर डीएपी खाद को लेकर कतारें लगी हुई हैं. तो कहीं पर मंडियों में किसान लाइनों में परेशान हैं. वहीं, रेवाड़ी में किसान इन दिनों डीएपी खाद की गंभीर किल्लत को सामना कर रहा है. रबी फसल की बुवाई के दौरान किसान डीएपी न मिलने से काफी चिंतित है. किसानों का आरोप है कि “जिले की खाद राजस्थान में ऊंचे दामों पर बेची जा रही है. जिसके चलते सरसों और गेहूं जैसी मुख्य फसलों की बुवाई प्रभावित हो रही है”.
डीएपी कालाबाजारी: किसानों ने स्थानीय स्तर पर खाद की कालाबाजारी का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि “सरकारी डीएपी खाद, जिसकी कीमत 1350 रुपये प्रति बोरी होनी चाहिए, उसे बाजार में अधिक दामों पर बेचा जा रहा है”. एक किसान ने बताया कि “जिले का खाद कोटा पड़ोसी राज्य राजस्थान व मेवात भेजा जा रहा है. जहां मुनाफाखोर इसे ब्लैक मार्केट में बेच रहे हैं”.
परेशान हो रहे अन्नदाता: किसानों का आरोप है कि “मंडी में यूरिया के साथ नैनो की बोतलें दी जा रही हैं. ग्रामीण क्षेत्र के कई किसानों ने शिकायत की है कि सहकारी समितियों और सरकारी वितरण केंद्रों पर लंबी कतारें लगती हैं. लेकिन अक्सर स्टॉक खत्म हो जाता है”. किसानों का कहना है कि “सुबह से शाम तक लाइन में लगने के बावजूद उन्हें खाद नहीं मिल रहा है. जबकि कालाबाजारी करने वाले दुकानदार दोगुने दाम वसूल रहे हैं. डीएपी के बिना सरसों और गेहूं की अच्छी पैदावार की उम्मीद नहीं की जा सकती, जिससे चिंताएं बढ़ी हुई है”.

















