जलवायु अनुकूलन खेती को बढ़ाने, रिसर्च व ग्रामीण वित्तपोषण के लिए आगे कदम बढ़ाते हुए राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने काउंसिल ऑफ एनर्जी, एनवायरमेंट एंड वाटर (सीईईडब्ल्यू) के साथ एक समझौता किया है।
नाबार्ड के अध्यक्ष शाजी केवी ने कहा, नाबार्ड और सीईईडब्ल्यू ग्रामीण जलवायु पर किसानों, छोटे उद्यमों के आथक विकास बढ़ावा देंगे ताकि बदलती जलवायु के अनुकूल वे खेती कर सकें। भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में स्थायी आजीविका को बढ़ावा देना, नई तकनीक, निवेश और संस्थागत क्षमता को मिलाकर ऐसे मॉडल तैयार किए जाएंगे जिससे किसानों को मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि, नाबार्ड लंबे समय से स्थायी ग्रामीण परिवर्तन के वित्तपोषण में अग्रणी रहा है।
उन्होंने कहा, सीईईडब्ल्यू से हमें अच्छी डेटा प्रणाली, जलवायु-अनुकूल उपकरणों से खेती को और उन्नत करने में सहयोग मिलेगा ताकि भारत के किसानों, ग्रामीण उद्यमों की अनुकूलन क्षमता बढ़े। सीईईडब्ल्यू की संस्थापक, सीईओ डॉ. अरुणाभा घोष ने कहा कि, इस साझेदारी से हम किसानों, हरित ग्रामीण उद्यमों और स्थानीय संस्थानों को बदलते जलवायु में विस्तार हेतु सशक्त बनाएंगे। इस अवसर पर नाबार्ड के महाप्रबंधक नबीन कुमार रॉय सहित कई अधिकारी मौजूद थे।

















