सामाजिक कार्यकर्ता वीरेश शांडिल्य को मिली जान से मारने की धमकी, पुलिस ने दर्ज किया केस

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चंडीगढ़  : एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तरह मौत के घाट उतारने की धमकी मिली जिस पर अंबाला पुलिस ने वीरेश शांडिल्य की शिकायत पर धमकी देने वाले के खिलाफ  बी एन एस की धारा 197(1) 351(3) एवं 352 के तहत अंबाला शहर थाना में एफआईआर कर जांच शुरू कर दी है।

पाकिस्तानी आतंकी संगठनों सहित बब्बर खालसा आतंकी संगठन एवं खालिस्तान के खिलाफ तीन दशकों से मुहिम छेड़ने वाले वीरेश शांडिल्य ने बताया कि बीते 31 अक्टूबर को उन्होंने पूर्व शहीद प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर बयान दिया था कि केंद्र एवं राज्य सरकारें इंदिरा गांधी को सरकारी कार्यक्रम कर श्रद्धांजलि दे क्यूंकि श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या सत्वंत सिंह एवं बेयंट सिंह जैसे गद्दारों ने प्रधान मंत्री होते हुए की थी।

वीरेश शांडिल्य ने बताया की 1 नवंबर को उनके मोबाइल पर विदेश से धमकी आई की तेरी माँ इंदिरा गांधी को तो मौत के घाट उतार दिया है अब तेरा टाइम आ गया है। एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने बताया की धमकी देने वाले ने उन्हें एक वीडियो भी भेजा जिसमे पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के अंगरक्षक सत्वंत सिंह और बेयंट सिंह उन्हें गोली मार रहे है। शांडिल्य ने बताया कि उन्होंने इसकी सूचना अंबाला पुलिस को दी और मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत विदेशी नंबर से धमकी देने वाले के खिलाफ विभिन्न धाराओ में एफ़आईआर दर्ज कर दी और वीरेश शांडिल्य के आवास और कार्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

वीरेश शांडिल्य ने कहा कि उन्हें पता है कि खालिस्तान समर्थक भिंडरावाला समर्थक बब्बर खालसा जैसे आतंकी संगठन उन्हें मौत के घाट उतारना चाहते है लेकिन उन्हें इन धमकियों से कोई भय नहीं है जब तक शरीर में खून का अंतिम कतरा दौड़ रहा है तब तक वो खालिस्तान के ख़िलाफ़ मुहिम जारी रखेंगे और उन देशद्रोही ताकतों को ललकारते रहेंगे जो राष्ट्र की एकता और अखंडता को खंडित करना चाहते है संविधान को चुनौती देते है तिरंगे का अपमान करते है और खालिस्तान मुहिम चला कर देश में दहशत फैलाना चाहते है ऐसी ताकतों को वह मरते दम तक ललकारते रहेंगे। वीरेश शांडिल्य ने बताया कि अंबाला पुलिस ने इससे पहले भी उन्हें मौत के घाट उतारने वाले आतंकी संगठनों एवं खालिस्तानियों के खिलाफ दो दर्जन मुकदमे दर्ज किए हुए है।