फतेहाबाद : फतेहाबाद जिले के गांव नाढोड़ी के किसान विकास कुमार का मुर्रा नस्ल का झोटा कुबेर पुष्कर मेले में जाने से चर्चा का केंद्र बना गया। राजस्थान के पुष्कर पशु मेले में इस झोटे की कीमत 21 करोड़ रुपये लगी, लेकिन किसान विकास ने इसे बेचने से इनकार कर दिया। यही नहीं, कुबेर ने मेले की चैंपियनशिप प्रतियोगिता में पहला स्थान प्राप्त कर सबका दिल जीत लिया। अब राजस्थान सरकार की ओर से आज बुधवार को कुबेर और उसके मालिक विकास कुमार को विशेष सम्मान से नवाजा जाएगा।
मुर्रा नस्ल का शुद्ध झोटा, ऊंचाई साढ़े पांच फुट
किसान विकास कुमार ने बताया कि कुबेर साढ़े तीन साल का है और यह पूरी तरह शुद्ध मुर्रा नस्ल का है। इसकी ऊंचाई साढ़े पांच फुट है और यह अपनी कद-काठी और चमकदार काले रंग की वजह से सबका ध्यान खींचता है। विकास ने शनिवार को कुबेर को पुष्कर मेले में पेश किया था, जहां पहले दिन ही व्यापारियों ने इसकी कीमत 11 करोड़ रुपये लगाई। सोमवार को आंध्र प्रदेश के व्यापारियों ने बोली बढ़ाकर 21 करोड़ रुपये तक पहुंचाई, लेकिन विकास ने कुबेर को नहीं बेचा।
मां का साढ़े 23 लीटर तक दूध
विकास ने बताया कि कुबेर की मां भी 23.5 लीटर दूध देकर जिला स्तर पर इनाम जीत चुकी है। कुबेर को वह खल-बिनौला, चना खिलाने के साथ-साथ कभी-कभी दूध व घी भी पिलाते हैं। विकास का कहना है कि यह झोटा केवल उनकी कमाई का जरिया नहीं, बल्कि उनकी शान और मेहनत की पहचान है।
सीमन बैंक में रखेंगे कुबेर, प्रदेश में बढ़ेगी नस्ल सुधार की उम्मीद
विकास ने बताया कि वह कुबेर को बेचने की बजाय सीमन बैंक में रखेंगे, ताकि उससे उच्च गुणवत्ता वाला सीमन तैयार कर किसानों को वाजिब दामों पर उपलब्ध कराया जा सके। इससे उन्हें हर महीने लाखों रुपये की आय भी होगी और आसपास के इलाकों में मुर्रा नस्ल के सुधार में मदद मिलेगी। विकास ने कहा कि कुबेर की 21 करोड़ की कीमत लगने के बाद हरियाणा, पंजाब और राजस्थान से सीमन की बुकिंग के लिए फोन आने लगे हैं। विकास ने बताया कि उसे उम्मीद भी नहीं थी कि कुबेर की इतनी कीमत लगेगी।

















