अंबाला : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने वंदे मातरम राष्ट्रीय गीत के 150 वर्ष पूरे होने पर आयोजित स्मरण उत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। अंबाला में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने संबोधन दिया। उन्होंने वंदे मातरम राष्ट्रगीत के 150 वर्ष पूरे होने पर सबको बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस पावन धरती अंबाला में आकर इस राज्य स्तरीय कार्यक्रम में शामिल होकर गौरव का अनुभव हो रहा है। सीएम ने कहा कि वंदे मातरम राष्ट्रीय गीत केवल एक गीत नहीं बल्कि भारत की पहचान है।
सीएम सैनी ने कहा कि इस राष्ट्रगीत में भारत के स्वराज आंदोलन को एक नई पहचान देने का काम किया। मर्यादा, अनुशासन और त्याग की भावना को जोड़ने वाला ये राष्ट्र गीत एक मंत्र है। यह राष्ट्रगीत आत्मबल का शंखनाद है। वंदे मातरम राष्ट्रगीत के मूल मंत्र ने गुलामी की जंजीरों में जकड़े भारतवासियों की आत्मा को जगाने का काम किया था।
उन्होंने कहा कि यह गीत वर्ष 1875 में बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा लिखा गया था। इस गीत में हर जाति, हर धर्म, हर समुदाय और हर क्षेत्र के लोगों में एक जोश और शक्ति पैदा की थी। राष्ट्रगीत ने विभिन्नता में एकता की अवधारणा को जागृत किया था। आजादी की पहली लड़ाई की चिंगारी 1857 में अंबाला से ही शुरू हुई थी। वीरों की याद में अंबाला छावनी में ही एक शहीदी स्मारक बन रहा है। वर्ष 1950 में प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने वंदे मातरम को राष्ट्रगीत का दर्जा दिया था।

















