करनाल शुगर मिल 25 नवंबर से शुरू, किसानों ने 18 नवंबर से पिराई की मांग करते हुए आंदोलन की दी चेतावनी

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करनाल: करनाल शुगर मिल की एमडी अदिति शर्मा ने बताया कि आज किसान यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की गई, जिसमें किसानों ने अपनी विभिन्न मांगें रखीं. उन्होंने यह भी बताया कि मिल को 25 नवंबर से शुरू करने की तारीख निर्धारित की गई है.

शुगर मिल प्रबंधन की तैयारी: एमडी अदिति शर्मा ने बताया कि मिल की रिपेयर और मेंटेनेंस का काम पूरा हो चुका है. अब गन्ने की फसल की टेस्टिंग का कार्य शुरू किया जा रहा है. यह टेस्टिंग इसलिए जरूरी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि गन्ने की फसल पूरी तरह पककर तैयार है या नहीं. यदि गन्ना पूरी तरह पका नहीं होगा तो चीनी का उत्पादन भी कम होगा. मिल प्रशासन की पूरी कोशिश है कि जल्द से जल्द पिराई सीजन की शुरुआत की जा सके. पिछले साल भी शुगर मिल नवंबर के तीसरे हफ्ते में शुरू हुई थी, लेकिन इस बार लगातार हुई बारिश के कारण फसल पकने में कुछ देरी हुई है.

किसानों की नाराजगी और मांगें: वहीं, भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रतन मान ने कहा कि करनाल शुगर मिल के 2025–26 सीजन की पिराई को लेकर मिल प्रशासन से बातचीत हुई है. लेकिन ऐसा लगता है कि प्रशासन मिल को देरी से शुरू करना चाहता है. किसानों की मांग है कि मिल को 18 नवंबर से ही शुरू कर दिया जाए, ताकि समय पर गन्ने की छिलाई का काम हो सके.

दी आंदोलन की चेतावनी: रतन मान ने आगे कहा कि गन्ना छिलाई का काम प्रवासी मजदूरों द्वारा किया जाता है और इसका पूरा इंतजाम पहले से करना पड़ता है. वर्तमान में मजदूरी दरें काफी बढ़ चुकी हैं, जिससे किसान पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है. सरकार को महाराष्ट्र की तर्ज पर हरवेस्टिंग मशीनें उपलब्ध करवानी चाहिए. यदि सरकार ऐसा नहीं कर सकती तो किसानों को अनुमति दी जाए कि वे खुद मशीनें खरीद सकें, जिन पर कम से कम 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाए. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि 18 नवंबर तक मिल शुरू नहीं हुई तो किसान धरने पर बैठकर बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे.

किसानों की चिंता: वहीं, भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सांगवान ने भी सरकार से शुगर मिल जल्द शुरू करने की मांग की. उन्होंने कहा कि इस बार अधिक बारिश और धान घोटाले की वजह से किसान पहले ही दोहरी मार झेल चुके हैं. ऐसे में यदि शुगर मिल की शुरुआत भी देरी से होगी तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.