पांच दिन में दूसरी बार टूटी नहर, जिले में किसानों की फसलें जलमग्न—भारी नुकसान

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रेवाड़ी : गांव नांगल मूंदी में बेरली-लाधूवास नहर के पांच दिन में दूसरी बार टूटने से किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। नहर टूटने से खेतों में पानी भर गया और करीब 30 एकड़ से अधिक रकबे की फसल जलमग्न हो गई।

गांव के किसान रामपाल सरपंच, बाबूलाल नंबरदार, विनोद पंच, उजाला, शुभराम, श्रीचंद, शारदा देवी, भीखाराम, सत्यनारायण, शिवलाल, करण सिंह, हेमू पंच, हंसराम, सोना देवी, सत्तू, रतन सिंह, सज्जन सिंह, शमशेर सिंह और राजीव पंच सहित अन्य किसानों ने बताया कि नहर के टूटने से लगभग 20 एकड़ सरसों और 5 एकड़ गेहूं की फसल पूरी तरनांगलमूंदी(रेवाड़ी)। गांव नांगल मूंदी में बेरली-लाधूवास नहर के पांच दिन में दूसरी बार टूटने से किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। नहर टूटने से खेतों में पानी भर गया और करीब 30 एकड़ से अधिक रकबे की फसल जलमग्न हो गई।

गांव के किसान रामपाल सरपंच, बाबूलाल नंबरदार, विनोद पंच, उजाला, शुभराम, श्रीचंद, शारदा देवी, भीखाराम, सत्यनारायण, शिवलाल, करण सिंह, हेमू पंच, हंसराम, सोना देवी, सत्तू, रतन सिंह, सज्जन सिंह, शमशेर सिंह और राजीव पंच सहित अन्य किसानों ने बताया कि नहर के टूटने से लगभग 20 एकड़ सरसों और 5 एकड़ गेहूं की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है।

किसानों ने बताया कि पिछले सप्ताह भी नहर टूटी थी जिसे अस्थायी रूप से ठीक किया गया था लेकिन मरम्मत कार्य की गुणवत्ता खराब होने के कारण कुछ ही दिनों में दोबारा टूट गई। इससे किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ी है। किसानों ने प्रशासन से अपील की है कि मौके पर संबंधित अधिकारियों को भेजकर नुकसान का सर्वे करवाया जाए और प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिलवाया जाए। उन्होंने यह भी मांग की है कि नहर की स्थायी मरम्मत करवाई जाए ताकि भविष्य में फसलों को नुकसान से बचाया जा सके।ह से नष्ट हो गई है।

किसानों ने बताया कि पिछले सप्ताह भी नहर टूटी थी जिसे अस्थायी रूप से ठीक किया गया था लेकिन मरम्मत कार्य की गुणवत्ता खराब होने के कारण कुछ ही दिनों में दोबारा टूट गई। इससे किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ी है। किसानों ने प्रशासन से अपील की है कि मौके पर संबंधित अधिकारियों को भेजकर नुकसान का सर्वे करवाया जाए और प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिलवाया जाए। उन्होंने यह भी मांग की है कि नहर की स्थायी मरम्मत करवाई जाए ताकि भविष्य में फसलों को नुकसान से बचाया जा सके।