रेवाड़ी: शहर में 200-बेड के नए सरकारी अस्पताल को लेकर दो धड़े आमने-सामने हैं. शहर की संस्थाओं और संगठनों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि नया अस्पताल वर्तमान सरकारी नागरिक अस्पताल परिसर में ही बनाया जाए. वहीं, रामगढ़-भगवानपुर के लोगों द्वारा गठित “अस्पताल बनाओ संघर्ष समिति” इस मामले में अलग रुख अपनाए हुए है. उनका कहना है कि नया अस्पताल उसी क्षेत्र में बने जहां उनके गांव ने पहले ही जमीन सरकार को दी हुई है.
संघर्ष समिति का आरोप: इसे लेकर मॉडल टाउन में संघर्ष समिति के अध्यक्ष अनिल यादव, कामरेड राजेन्द्र सिंह और नगर परिषद के पूर्व कार्यकारी अधिकारी मनोज यादव ने पत्रकारवार्ता की. प्रेसवार्ता के दौरान कामरेड राजेन्द्र सिंह ने बताया कि रामगढ़-भगवानपुर के लोग पिछले 146 दिनों से अनिश्चितकालीन धरने व प्रदर्शन पर बैठे हुए हैं. शहर की कुछ संस्थाएं और संगठन उनके आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं और पुराने अस्पताल परिसर में नया अस्पताल बनाने की मांग उठा रहे हैं. यहां तक कि नगर परिषद की चेयरपर्सन पूनम यादव भी इस मांग में शामिल हैं, जबकि उन्होंने आंदोलन शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री को ज्ञापन नहीं सौंपा. अब जब हमारा आंदोलन चरम पर है और जनता का समर्थन मिल रहा है, तो कुछ लोग इसे कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं. उनका मकसद शहर और देहात को बांटना है.”
सीएम से करेंगे मुलाकात: संघर्ष समिति का कहना है कि उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से 11 नवंबर को मुलाकात तय की है. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल नए अस्पताल के निर्माण को लेकर बातचीत करेगा. समिति ने आरोप लगाया कि केन्द्रीय राज्य मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह और स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने पहले वायदा किया था, लेकिन उसका पालन नहीं किया गया। उन्होंने चेतावनी दी कि आंदोलन और तेज किया जाएगा.
रेवाड़ी नगर परिषद की चेयरपर्सन ने रखा अपना पक्ष: वहीं, दूसरी ओर रेवाड़ी नगर परिषद की चेयरपर्सन पूनम यादव ने स्पष्ट किया कि शहर से नागरिक अस्पताल को कहीं बाहर शिफ्ट नहीं किया जाना चाहिए. पूनम यादव ने कहा कि, “200-बेड का हॉस्पिटल वर्तमान नागरिक अस्पताल परिसर में ही बनाया जाए. शहर के सामाजिक संगठन, पार्षद और अन्य लोगों ने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और रेवाड़ी विधायक को ज्ञापन सौंपा है. शहर के लोगों का कहना है कि अगर सिविल अस्पताल शहर से बाहर चला गया तो उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा. रामगढ़-भगवानपुर में पिछले 146 दिन से धरने पर बैठे ग्रामीणों के बारे में सरकार ही निर्णय लेगी.”
इन दोनों पक्षों के विवाद से साफ है कि रेवाड़ी में नया अस्पताल बनवाने को लेकर दोनों पक्ष अपने-अपने तर्क पर अड़े हुए हैं. संघर्ष समिति गांव की जमीन पर निर्माण पर जोर दे रही है, जबकि शहर के संगठन और चेयरपर्सन पुराने अस्पताल परिसर को प्राथमिकता दे रहे हैं.

















