Dwarka Expressway पर टोल वसूली शुरू होते ही लोगों ने जताया विरोध

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गुड़गांव :  द्वारका एक्सप्रेसवे पर बने टोल प्लाजा पर टैक्स वसूली शुरू होते ही लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। दिल्ली गुड़गांव के बीच लगने वाले इस टोल की दर को लेकर जहां लोगों में रोष है तो वहीं, टोल टैक्स के आसपास रहने वाले लोगों ने इसे उनके लिए पूर्ण रूप से निशुल्क करने की मांग की है। टैक्स की दरों को लेकर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के टोल प्लाजा पर बनाए गए कार्यालय पर लोगों ने अपना विरोध तो किया ही साथ ही साथ न्यू पालम विहार के साईं चौक पर एक बैठक का भी आयोजन किया गया ताकि स्थानीय लोगों को इस टैक्स से राहत मिल सके।

बैठक की अध्यक्षता साईं कुंज आरडब्ल्यूए के प्रधान राकेश राणा ने की। बैठक में निर्णय लिया गया कि जल्द ही एनएचएआई के अधिकारियों से मुलाकात की जाएगी और टोल प्लाजा बनाने के लिए जमीन देने वाले गांव व आसपास करीब 5 किलोमीटर दायरे में आने वाले गांव के लोगों के लिए यह टोल टैक्स पूर्ण रूप से निशुल्क  किया जाए। वही, लोगों की मानें तो टोल टैक्स के आसपास गांवों में रहने वाले लोगों का रोजाना दिन में कई बार दिल्ली के द्वारका व आसपास क्षेत्रों में आना जाना लगा रहता है। उनके गांवों की जमीन भी इस टोल टैक्स और द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण में गई, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिल रही। इस टोल को शुरू करने के बाद न तो एनुअल पास के दायरे में रखा गया है और न ही आसपास के ग्रामीणों को यहां से निशुल्क वाहनों के निकाले की अनुमति दी जा रही है।

लोगों का कहना है कि द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण के दौरान ही जब उन्हें पता लगा था कि यहां टोल प्लाजा बनेगा तो उन्होंने एनएचएआई के अधिकारियों सहित मंत्रियों व जन प्रतिनिधियों सहित जिला प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपकर मांग की थी कि टोल प्लाजा निर्माण के लिए जमीन देने वाले व आसपास के गांवों के लिए टोल निशुल्क किया जाए, लेकिन इस पर अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि एनएचएआई की पॉलिसी के तहत टोल प्लाजा के 20 किलोमीटर दायरे में आने वाले लोगों के लिए मासिक पास अलग है, लेकिन वह चाहते हैं कि पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले लाेगों को विशेष राहत मिले।

फिलहाल इस पूरे मामले को लेकर एक कमेटी गठित की जा रही है जो जल्द ही अधिकारियों से मुलाकात कर अपनी मांगों का ज्ञापन अधिकारियों को सौंपेगी। इस मामले में अगर अधिकारियों ने जल्द ही कोई निर्णय नहीं लिया तो टोल प्लाजा के आसपास के लगते गांवों के लोगों के साथ मिलकर महापंचायत की जाएगी और आगामी रणनीति तैयार की जाएगी।