नई दिल्ली : न्यू रोहतक रोड पर अगले डेढ से जूझना पड़ सकता है। दिल्ली जल बोर्ड की ओर से शुरू किए गए ड्रेनेज मेंटेनेंस और अपग्रेडेशन का कार्य आनंद पर्वत इलाके में कमल टी प्वाइंट से लेकर जाखिरा फ्लाईओवर तक पंजाबी बाग की दिशा में चल रहा है। इसकी वजह से सड़क की दो लेन प्रभावित रहेंगी। यह कार्य नौ नवंबर से शुरू होकर करीब 45 दिनों तक हर रोज सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक चलेगा।
ट्रैफिक पुलिस के अनुसार, इस दौरान नई रोहतक रोड पर वाहनों का दबाव बढ़ने और जाम की स्थिति बनी रहने की पूरी संभावना है। ऐसे दिल्ली जल बोर्ड की ओर से अपग्रेडेशन के कार्य के चलते ट्रैफिक रहेगा प्रभावित शुरू किए गए ड्रेनेज मेंटेनेंस और में लोगों को सलाह दी गई है कि वे इस मार्ग से बचें और वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल करें।
पुलिस का कहना है कि जल बोर्ड के काम के कारण इस हिस्से में ट्रैफिक की रफ्तार बेहद धीमी रहेगी और पीक आवर्स में जाम लगने की संभावना अधिक है। जो वाहन चालक नई रोहतक रोड का इस्तेमाल कर पंजाबी बाग या पश्चिमी दिल्ली की और जाना चाहते हैं, वे कमल टी प्वाइंट से दाहिनी ओर मुड़कर वीर बंदा बैरागी मार्ग के रास्ते सराय रोहित और तब तक जा सक अपने गंतव्य सकते हैं। यह मार्ग अपेक्षाकृत सुगम रहेगा और मुख्य सड़क पर दबाव को कम करेगा।
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि मौके पर ट्रैफिक स्टाफ की तैनाती की गई है। साथ ही लोगों से अपील की गई है कि वे गैरजरूरी यात्रा से बचें और यदि यात्रा करनी ही हो तो पर्याप्त समय लेकर घर से निकलें, ताकि देरी और जाम से बचा जा सके। अधिकारियों ने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए निरंतर मानीटरिंग की जाएगी और जरूरत के मुताबिक मौके पर ट्रैफिक व्यवस्था में बदलाव भी किए जाएंगे।
फ्लाईओवरों के रखरखाव को एमओयू की तैयारी में पीडब्ल्यूडी
पीडब्ल्यूडी अपने फ्लाईओवरों को गोद देने की योजना के तहत विभिन्न कारपोरेट हाउस को साथ जोड़ने की रणनीति पर आगे कदम बढ़ाया है। इसे लेकर पीडब्ल्यूडी की इंडियन आयल कारपोरेशन (आइओसी) के साथ पार्टनरशिप करने को लेकर गत दिनों पहली बैठक हुई है। इस पहल के तहत, प्राइवेट और सरकारी क्षेत्र की कंपनियां विभिन्न फ्लाईओवरों को गोद ले सकेंगी और गोद लिए गए निर्माण पर सीमित विज्ञापन लगा सकेंगी। इसके बदले उन्हें उस निर्माण के रखरखाव, सुंदरीकरण और साफ-सफाई की जिम्मेदारी लेनी होगी।
बताया जा रहा है कि आइओसी के साथ जल्द सरकार की दूसरी बैठक होने वाली है। सरकार आइओसी के साथ समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने की तैयारी कर रही है। बता दें कि इस साल जुलाई में पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप फ्रेमवर्क और कारपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी पहल के साथ तालमेल बिठाने वाले बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रस्ताव तैयार करने का फैसला लिया गया था।

















