नूंह : दिल्ली ब्लास्ट मामले में बड़ी अपडेट सामने आई है। आतंकी डॉक्टर उमर दिल्ली बम ब्लास्ट से ठीक पहले नूंह में किराए पर रहा था। करीब पांच दिनों से नूंह में छानबीन कर रही दिल्ली पुलिस की टीम शनिवार को दिनभर नूंह की हिदायत कॉलोनी में डेरा डाले पड़ी रही। विभागीय सूत्रों के मुताबिक इस कॉलोनी के एक मकान में आतंकी डॉक्टर उमर दिल्ली बम ब्लास्ट से ठीक पहले किराए पर रहा था। जांच में पता चला है कि उमर ने ब्लास्ट से पहले करीब 10 दिन नूंह की हिदायत कॉलोनी में किराए पर एक कमरा लिया था। यह कमरा दिल्ली-अलवर रोड पर स्थित एक महिला के मकान में है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार 10 नवंबर को उमर इसी किराए के मकान से अपनी i-20 कार में विस्फोटक सामग्री लेकर निकला था। यह घर यूनिवर्सिटी के इलेक्ट्रिशियन शोएब की साली का बताया जा रहा है। शोएब जो पहले से ही पुलिस की हिरासत में है, उसने ही उमर को यह कमरा उपलब्ध कराया था। शोएब की साली मूल रूप से नूंह के गोलपुरी गांव की रहने वाली है और उसकी ससुराल खिल्लुका गांव में बताई जा रही है।
बताया जा रहा है कि फिरोजपुर झिरका एटीएम से पैसे निकालने में नाकाम होने के बाद वह नूंह आया और यहां पर एक मकान को किराए पर लेकर उसमें रहा। उमर के यहां रहने की भनक न तो उसके किसी पड़ोसी को लगी और जिले में तैनात खूफिया विभाग को भी उसकी कोई जानकारी नहीं मिल पाई। नूंह के एक अल्ट्रासाउंड सेंटर में लगे कैमरों में डॉक्टर उमर की गाड़ी कॉलोनी में जाते हुए कैद हुई है, लेकिन वह वहां से कब निकली और किस रास्ते से निकली इसकी गुत्थी सुलझाना अभी भी जांच एजेंसियों के लिए बड़ा सवाल बनी हुई है।
ब्लास्ट से ठीक पहले आतंकी उमर के जिले में आने की दो घटनाएं उजागर हो चुकी है, जिनमें उसका फिरोजुपर झिरका के एक टोल प्लाजा से गुजरना तथा दूसरा फिरोजपुर झिरका के बीवां -पहाड़ी रोड पर एक एटीएम मशीन से पैसे निकालने की कोशिश। अपने मेवात दौरे पर वह अल आफिया मेडिकल कॉलेज में जिले के कुछ एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले डॉक्टरों के संपर्क में भी रहा, इसकी संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।

















