NDA की बिहार जीत का असर हरियाणा में, कांग्रेस का अभियान ढीला—BJP ने ली चुटकी

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चंडीगढ़। बिहार में एनडीए की जीत के बाद हरियाणा के कांग्रेस और भाजपा नेताओं में एक दूसरे पर छींटाकशी चालू हो गई है। हरियाणा में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा पर वोट चोरी करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस जहां पूरे राज्य में वोट चोर-गद्दी छोड़ अभियान चला रही है, वहीं बिहार में एनडीए की जीत के बाद भाजपा को कांग्रेस के इस अभियान पर सवाल उठाने का मजबूत मौका मिल गया है।

इंटरनेट मीडिया पर कांग्रेस के नेता हरियाणा की तरह बिहार में भी वोट चोरी होने के आरोप लगा रहे हैं, जबकि भाजपा नेताओं की दलील है कि सुशासन और विकास के मुद्दे को जनता ने दिल से स्वीकार किया है। भाजपा नेताओं की ओर से एक सात सीटर गाड़ी इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट की गई है और उसके साथ लिखा जा रहा है कि इस गाड़ी की सीटें ही बिहार में कांग्रेस को मिली सीटों की संख्या से ज्यादा है।

भाजपा की इन चुटकियों के बीच कांग्रेस के कुछ नेता अपने नेता राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों पर पूरी तरह से अडिग हैं। राहुल गांधी के निर्देश पर ही पहले जिला स्तर जिलाध्यक्षों के नेतृत्व में वोट चोर-गद्दी छोड़ अभियान चलाया गया और अब राज्य स्तरीय नेता इस अभियान की अगुवाई करने के लिए आगे आए हैं।

हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह स्वयं करनाल व फरीदाबाद में जिला स्तरीय प्रदर्शन कर चुके हैं। राज्य के बाकी नेताओं की ड्यूटी भी इन प्रदर्शनों का नेतृत्व करने के लिए लगाई गई है। हर जिले का शेड्यूल घोषित कर दिया गया है, लेकिन बिहार में जितनी बुरी तरह से कांग्रेस की हार हुई है, उससे हरियाणा के कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता काफी हतोत्साहित नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि वोट चोर गद्दी छोड़ अभियान को जारी रखना उनकी मजबूरी है, लेकिन लोग इसे स्वीकार करेंगे, इसमें शक बना हुआ है।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र ने झज्जर व फरीदाबाद में दोहराया कि बिहार में वोट चोरी की वजह से ही कांग्रेस चुनाव हारी है, इसलिए वोट चोर-गद्दी छोड़ अभियान जारी रहेगा, लेकिन आधा दर्जन जिलाध्यक्षों ने अपना नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि कार्यकर्ता इस प्रदर्शन में शामिल होने के तैयार नहीं हैं।

उन्हें शक है कि लोग कांग्रेस के इस अभियान को अब स्वीकार कर पाएंगे। ऐसे में जिलों में होने वाले प्रदर्शनों में कार्यकर्ता उत्साह के साथ जुट पाएंगे, इसकी बहुत कम संभावना है। कांग्रेस नेताओं की इस मजबूरी के बीच हरियाणा भाजपा के नेताओं ने न केवल साल 2029 में होने वाले हरियाणा के चुनाव की तैयारी तेज कर दी है, बल्कि बंगाल के लिए भी अभी से इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट डालकर माहौल बनाना चालू कर दिया है।