हिसार: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जल संरक्षण एवं प्रबंधन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने पर मंगलवार को विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बलदेव राज कंबोज को पुरस्कार देकर सम्मानित किया. इस दौरान मंच पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल, राज्य जल शक्ति मंत्री वी सोमन्ना और राज भूषण चौधरी उपस्थित रहे.
कुलपति प्रोफेसर कंबोज ने बताया कि “जल शक्ति मंत्रालय द्वारा छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार-2024 की घोषणा की गई. जिसमें विश्वविद्यालय को सर्वश्रेष्ठ संस्थान (स्कूल-कॉलेज के अतिरिक्त) श्रेणी में प्रथम स्थान के लिए चयनित किया गया.” उन्होंने बताया कि “विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने जल संरक्षण को लेकर प्रदेश भर के किसानों को जागरूक किया. वैज्ञानिकों ने खरीफ सीजन में प्रदेश के किसानों को धान की सीधी बिजाई करने एवं कम अवधि वाली किस्मों को अपनाने के लिए भी प्रेरित किया. जिससे धान फसल की सीधी एवं कम अवधि वाली किस्म की बिजाई करने से भारी मात्रा में जल की बचत हुई. विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए प्रयासों से खरीफ सीजन के दौरान लगभग 1.0 लाख हैक्टेयर क्षेत्र को कपास से धान में स्थानांतरित होने से बचाया गया.”
किसानों को किया जा रहा जागरूक: अनुसंधान निदेशक डॉक्टर राजबीर गर्ग ने बताया कि “वैज्ञानिकों द्वारा फसल विविधीकरण और जल संरक्षण तकनीकों को अपनाने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है. इसी कड़ी में किसानों को प्रशिक्षण, किसान गोष्ठियां, किसान मेले, जल संरक्षण जागरूकता शिविर, जल संरक्षण तकनीक पर प्रदर्शन स्थल पर फील्ड डेज, वन महोत्सव कार्यक्रम तथा विश्व पर्यावरण दिवस समारोह के माध्यम से जल की बचत करने के लिए प्रेरित किया गया. पर्यावरण संरक्षण एवं एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत विश्वविद्यालय परिसर एवं फार्मो में भी पौधारोपण किया गया.”
कृषि श्रेत्र में जल की बचत की तकनीक: कृषि क्षेत्र में जल की बचत तकनीकों को लोकप्रिय बनाने और किसानों में जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा लगातार कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. हकृवि द्वारा धान की कम अवधि में पकने वाली एचकेआर-49 तथा गेहूं की दो पानी व मध्यम खाद में अधिक उपज देने वाली डब्ल्यू एच 1402 किस्में विकसित की गई हैं जिनसे पानी की बचत होगी.

















