भिवानी। एचटेट परिणाम में गड़बड़ी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और जजपा नेता दिग्विजय सिंह चौटाला दोनों ने इसे गंभीर अनियमितता बताते हुए सरकार से जवाब मांगा है। आरोप है कि हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा (एचटेट) में तैयार किए गए मूल परिणाम और घोषित परिणाम में 1284 अभ्यर्थियों का अंतर पाया गया, जिससे पूरे मामले पर सवाल खड़े हो गए हैं।
भिवानी में प्रेस वार्ता के दौरान दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि जब तीन एजेंसियों से परिणाम तैयार और वेरीफाई करवा लिया गया था तो चौथी एजेंसी नियुक्त करने की आवश्यकता क्यों पड़ी। उन्होंने कहा कि रिजल्ट बदले जाने से घोटाले की आशंका गहरी होती है। दीपेंद्र ने इसे भाजपा सरकार के “घोटालों की लिस्ट” में एक नई कड़ी बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है।
साथ ही उन्होंने धान खरीद में भी बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कहा कि करनाल में फिजिकल वेरिफिकेशन के दौरान लगभग 40% धान गायब पाया गया, जो राइस मिलर और अधिकारियों की मिलीभगत की ओर इशारा करता है।
‘रातों-रात बदल दिया रिजल्ट’
वहीं, जजपा नेता दिग्विजय सिंह चौटाला ने कहा कि मामला “रातों-रात रिजल्ट बदलने और चहेतों को पास कराने” का प्रतीत होता है। उनका आरोप है कि दोबारा परिणाम तैयार कर 1284 नए उम्मीदवारों को पास दिखाया गया है, जबकि यह स्पष्ट नहीं है कि इन अभ्यर्थियों को बाद में कैसे जोड़ा गया।
उन्होंने कहा कि रिजल्ट जारी करते समय न तो पारदर्शिता बरती गई और न ही ओएमआर शीट निकालने के लिए पर्याप्त समय दिया गया। सिक्योरिटी ऑडिट के नाम पर नया रिजल्ट तैयार किया गया। दिग्विजय ने इसे बेरोजगार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ बताते हुए तुरंत जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। दोनों नेताओं के आरोपों के बाद मामला राजनीतिक रूप से और अधिक गरमाता जा रहा है।

















