अब पराली बनेगी ईंधन, ईंट-भट्ठों में अनिवार्य उपयोग; नियम तोड़ने पर कार्रवाई तय

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हरियाणा  : हरियाणा में पराली जलाने के मामलों में कमी आई है लेकिन अब भी कई किसान सख्ती के बाद पराली जला रहे हैं। अब पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण पर अंकुश लगाया जाएगा। अब इसका प्रयोग ईंट-भट्ठों में ईंधन के तौर पर किया जाएगा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के निर्देश पर कृषि विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पराली के निपटान की नई योजना तैयार की है।

ईंट भट्ठों में कोयले की खपत भी होगी कम

इसके तहत हर जिले की पराली उपयोग की जाएगी और प्रबंधन पर अतिरिक्त खर्च भी नहीं आएगा। साथ ही ईंट भट्ठों में कोयले की खपत भी कम होगी। प्रदेश के करीब 2480 ईंट-भट्ठों पर यह आदेश लागू होंगे। पराली के निपटान को लेकर सीपीसीबी ने ईंट भट्ठों में इसके उपयोग का प्रस्ताव दिया था, जिसे प्रदेश सरकार ने मंजूरी देकर लागू कर दिया है। इसी वर्ष से ईंट भट्ठों में 20 प्रतिशत पराली जलाना अनिवार्य कर दिया गया है।

आदेशों का पालन न करने पर ईंट भट्ठे का लाइसेंस किया जाएगा निलंबित 

सीपीसीबी की ओर से इन आदेशों की पालना सुनिश्चित करने के लिए औचक निरीक्षण किए जाएंगे। निरीक्षण में यह जांचा जाएगा कि भट्ठा मालिक किस प्रकार का ईंधन और कितनी मात्रा में उपयोग कर रहे हैं। आदेशों का पालन न करने पर संबंधित ईंट भट्ठे का लाइसेंस निलंबित किया जा सकता है।