नूंह: दिल्ली विस्फोट के बाद हरियाणा का नूंह जिला सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में आ गया है. इसी कड़ी में मंगलवार सुबह जिला पुलिस ने नूंह और पुनहाना क्षेत्र की रोहिंग्या बस्तियों पर एक साथ व्यापक तलाशी अभियान चलाया. हाई अलर्ट मोड में चलाए गए इस ऑपरेशन का उद्देश्य सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करना और शरणार्थियों के दस्तावेजों की पूरी तरह जांच करना था.
कई टीमों ने झुग्गियों में जाकर की गहन जांच: आज सुबह 6:30 बजे शुरू हुए इस अभियान में पुलिस की कई टीमें अलग-अलग बस्तियों में पहुंचीं. उन्होंने झुग्गी–झोपड़ियों में जाकर पहचान पत्रों, दस्तावेजों और सामान की सूक्ष्म जांच की. स्थानीय निवासियों ने पुलिस को पूरा सहयोग दिया और बताया कि ऐसे निरीक्षण अभियान समय–समय पर चलाए जाते रहे हैं.पुलिस ने लोगों से पूछताछ कर उनकी जानकारी का मिलान किया, जिससे किसी भी संदिग्ध गतिविधि का पता लगाया जा सके.
UNHCR कार्ड के आधार पर की गई पहचान सत्यापन: चंदेनी की शरणार्थी कॉलोनी में तलाशी अभियान में सुरक्षा एजेंट, सुरक्षा इकाई और आसूचना ब्यूरो के कर्मचारी भी शामिल रहे.सभी रोहिंग्या शरणार्थियों की पहचान उनके UNHCR कार्ड के आधार पर सत्यापित की गई.चेकिंग के दौरान सात लोग काम पर बाहर मिले, लेकिन कोई भी अनलिस्टेड व्यक्ति नहीं पाया गया. पुलिस के अनुसार 2012 से नूंह जिले में रह रहे 385 परिवारों में कुल 1,713 रोहिंग्या शरणार्थी हैं, जिनकी समय–समय पर जांच की जाती है.
जानें क्या बोले रोहिंग्या: रोहिंग्या अब्दुल कलाम ने बताया कि, “हम 2012 में वर्मा में बढ़ते खून-खराबे और जान के खतरे से बचकर भारत आए. यहां लोगों ने हमें प्यार दिया, मदद की. पुलिस समय–समय पर जांच करती है, हम पूरा सहयोग करते हैं. हम मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं. नागरिकता लेने के लिए नहीं, बल्कि जान बचाने के लिए हमने शरण ली है. हालात ठीक होते ही हम अपने वतन लौटना चाहते हैं.” वहीं, रोहिंग्या मोहम्मद रफीक उल्लाह ने कहा, “भारत में हमें सुरक्षा मिली है. नूंह में लोग अच्छा व्यवहार करते हैं. पुलिस आती है तो हम दस्तावेज दिखाते हैं, कोई दिक्कत नहीं. हमने बांस की झुग्गियां बनाकर काम शुरू किया और अब इसी से गुजारा चलता है. जब तक हालात सुधर नहीं जाते, तब तक हम यहां शांति से शरण लेना चाहते हैं.” इसके अलावा रोहिंग्या मोहम्मद हुसैन ने कहा कि, ““हमारे लिए भारत सुरक्षित ठिकाना है. यहां बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सभी खुश हैं. सरकार ने हमें जगह दी, लोग सहयोग करते हैं. हमारा मकसद सिर्फ अपनी जान बचाना था. हम यहां सिर्फ शरणार्थी हैं, नागरिकता नहीं चाहते. जैसे ही हमारे देश में शांति लौटेगी, हम वापस चले जाएंगे.”
लोगों को अफवाहों से बचने की अपील: निरीक्षण के बाद पुलिस अधिकारियों ने बस्तीवासियों को सुरक्षा संबंधी निर्देश दिए. . पुलिस प्रवक्ता कृष्ण कुमार ने कहा कि, “किसी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि की तुरंत सूचना पुलिस को दें. यह तलाशी अभियान नियमित सुरक्षा प्रक्रिया का हिस्सा है और इसमें घबराने की कोई जरूरत नहीं है. मस्जिदों, मदरसों और संवेदनशील स्थलों पर भी निरीक्षण जारी है. यह सामान्य सुरक्षा चेकिंग है और किसी तरह का हड़कंप नहीं है.”

















