हरियाणा के मौसम पर इथियोपिया ज्वालामुखी का असर? पांच शहरों में छाया घना स्मॉग, जानें स्वास्थ्य पर क्या होगा प्रभाव

SHARE

चंडीगढ़: इथियोपिया में ज्वालामुखी फटने के बाद उठा राख का विशाल गुब्बार सोमवार रात करीब 11 बजे दिल्ली पहुंच गया. मौसम विभाग के मुताबिक राख और धूल का ये बादल करीब 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भारत की तरफ बढ़ रहा था. सबसे पहले ये बादल पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर और जैसलमेर से होते हुए भारत में घुसा. अब धीरे-धीरे राख ये गुब्बार दिल्ली और हरियाणा में फैल रहा है.

हरियाणा पर ज्वालामुखी का असर! मौसम विभाग के मुताबिक राख का ये बादल जमीन से 25,000 से 45,000 फीट की ऊंचाई पर है. इसलिए फिलहाल लोगों को ज्यादा खतरा नहीं है. हरियाणा में दिवाली के बाद वायु की गुणवत्ता खराब स्तर पर बनी हुई है. मौसम बदलने के साथ धीरे-धीरे इसमें सुधार हो रहा था. मौसम विभाग के मुताबिक अब इथियोपिया में ज्वालामुखी फटने के बाद एक बार फिर से हरियाणा के पांच शहरों की हवा जहरीली हो गई है.

हरियाणा का एयर क्वालिटी इंडेक्स: बहादुरगढ़ में 305, भिवानी में 302, चरखी दादरी में 338, गुरुग्राम में 312 और मानेसर में 358 एक्यूआई रहा. इसके अलावा हरियाणा के सात शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के नीचे बना हुआ है. इनमें बल्लभगढ़ में 275, फतेहाबाद में 240, जींद में 278, करनाल में 254, रोहतक में 299, सोनीपत में 291 और यमुनानगर में 290 रहा.

ज्वालामुखी की राख पर ताजा अपडेट: मौसम विभाग के मुताबिक “हेली गुब्बी ज्वालामुखी से राख का बादल सुरक्षित रूप से हट गया है और ऊपरी एटमॉस्फियर में फैल गया है. लेटेस्ट एनालिसिस से पता चलता है कि राख का बादल उत्तरी भारत से चीन में चला गया है और ये ऊपरी एटमॉस्फियर में जाएगा और महीन धूल कुछ दिनों तक ऊपरी एटमॉस्फियर में रहेगी और सबट्रॉपिकल जेट स्ट्रीम के साथ पैसिफिक की ओर बढ़ेगी. इससे सतह पर किसी को कोई खतरा नहीं है. बस एक बात ये है कि जहां भी धूल मौजूद होगी, वहां थोड़ा रंगीन सनसेट/सनराइज देखने को मिलेगा. सतह से 40,000 फीट ऊपर SO2 का एक छोटा सा निशान देखा गया है और ये फैल जाएगा.”