हरियाणा में बास्केटबॉल खेलते समय दो खिलाड़ियों की मौत, पोल गिरने से बढ़ा सुरक्षा का सवाल

SHARE

हरियाणा में अलग-अलग हादसों में दो बास्केटबॉल खिलाड़ियों की मौत हो गई. हैरानी की बात है कि दोनों की मौत का कारण ग्राउंड पर लगे जर्जर पोल थे. इनमें से एक हादसा बहादुरगढ़ में, तो दूसरा रोहतक में हुआ है. इन घटनाओं ने प्रदेश में खेल मैदानों में खिलाड़ियों की सेफ्टी और बुनियादी सुविधाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

बहादुरगढ़ के रेलवे रोड पर स्थित शहीद ब्रिगेडियर होशियार सिंह स्टेडियम में रविवार को 15 वर्षीय बास्केटबॉल खिलाड़ी अमन प्रैक्टिस कर रहा था. तभी जर्जर बास्केटबॉल पोल अचानक टूटकर उसके ऊपर गिर पड़ा. पोल अमन के पेट पर लगा, जिससे उसे गंभीर अंदरूनी चोटें आईं. हादसे के तुरंत बाद उसे स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां से हालत नाजुक होने पर रोहतक के पीजीआईएमएस रेफर कर दिया गया.

परिवार का आरोप है कि पीजीआईएमएस में अमन को समय पर सही इलाज नहीं मिला, जिसके चलते उसकी हालत लगातार बिगड़ती गई और सोमवार रात उसने दम तोड़ दिया. 10वीं कक्षा का छात्र अमन, श्रीरामा भारती पब्लिक स्कूल में पढ़ता था और कुछ ही दिन पहले उसने स्कूल की खेलकूद प्रतियोगिता में पदक जीता था. अमन के निधन से परिवार में गहरा रोष है. परिवार ने जर्जर खेल संरचना और विभागीय लापरवाही को होनहार खिलाड़ी की मौत का जिम्मेदार ठहराया है.

रोहतक में भी खिलाड़ी की मौत

ऐसा ही एक दर्दनाक हादसा रोहतक के कलानौर में भी हुआ. यहां ग्रामीणों द्वारा बनाए गए बास्केटबॉल कोर्ट में अभ्यास कर रहे 17 वर्षीय खिलाड़ी हार्दिक राठी की भी पोल टूटकर गिरने से मौत हो गई. प्रैक्टिस के दौरान हार्दिक का हाथ नेट में फंस गया, और जब वह नीचे आया, तो बीच से टूटा हुआ पोल सीधे उसके सीने पर आ गिरा.

यूथ नेशनल में भी हिस्सा लिया था

हार्दिक एक अत्यंत प्रतिभाशाली खिलाड़ी था, जिसने दो बार नेशनल सब-जूनियर चैंपियनशिप खेली थी और यूथ नेशनल में भी हिस्सा लिया था. घरवालों के मुताबिक, उसकी प्रतिभा का प्रमाण यह है कि हाल ही में उसका चयन इंदौर स्थित राष्ट्रीय बास्केटबॉल अकादमी में हुआ था, जहां हरियाणा से केवल दो खिलाड़ियों का चयन हुआ था.

इन दोनों दुखद घटनाओं ने हरियाणा के खेल ढांचे की बड़ी खामियों को उजागर कर दिया है. खिलाड़ी और स्थानीय लोग अब इन हादसों के लिए जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने और सभी खेल परिसरों में सुरक्षा ऑडिट और जर्जर ढांचों की तुरंत मरम्मत कराने की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.